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सम्पादकीय
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया पर मंडरा रहा परमाणु हथियारों का खतरा
Gulabi Jagat
9 May 2022 1:57 PM GMT
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परमाणु हथियारों का खतरा
प्रणय शर्मा।
अगर अमेरिका (United States) और रूस दोनों की खौफनाक भविष्यवाणियां सच होती हैं, तो 10 सप्ताह पुराना यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) और भी भयानक हो सकता है और यहां तक कि परमाणु युद्ध (Nuclear War) भी हो सकता है. अमेरिका के अनुसार, रूस 9 मई के विजय दिवस (Russia Victory Day) से पहले बड़ी सफलता हासिल करने के लिए अपने सैन्य प्रयासों को तेज कर सकता है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी (Nazi Germany) से यूरोप की मुक्ति और इसके लिए लड़ने वाले सैनिकों के अलावा उन 270 लाख सोवियत नागरिकों को सम्मान देने लिए मॉस्को इस दिन को सेलिब्रेट करता है, जिन्होंने इस दौरान संघर्ष किया था.
यूक्रेन में चल रहे सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में रूस जिसे अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे 'प्रॉक्सी वॉर' के तौर पर देखता है, विजय दिवस समारोह की अहमियत बढ़ जाती है. एजेंसी की रिपोर्टों में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) इस अवसर का उपयोग अमेरिका और उसके नाटो (NATO) सहयोगियों के लिए 'डूम्सडे' (doomsday) यानि कयामत के दिन जैसे परिदृश्य की घोषणा करने के लिए कर सकते हैं. हाल के हफ्तों में अमेरिका और यूरोप में रणनीतिक हलकों में बहस का मुद्दा रहा है कि क्या इससे रूसी कार्रवाई पारंपरिक युद्ध तक सीमित होंगे या परमाणु युद्ध के हालात पैदा हो जाएंगे.
संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध की दिशा में में बढ़ रहा
हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने दिल दहलाने वाली भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध की दिशा में में बढ़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी थी कि चूंकि नाटो युद्ध को लंबा करने के लिए कीव (Kyiv) को आधुनिक हथियारों की सप्लाई करके मास्को के साथ प्रॉक्सी वॉर (Proxy war) कर रहा है, इसलिए यह परमाणु युद्ध हो सकता है और इस संभावना को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए. सीआईए (CIA) के निदेशक विलियम बर्न्स (William Burns) ने कहा, 'राष्ट्रपति पुतिन और रूसी नेतृत्व की संभावित हताशा को देखते हुए अब तक की उनकी सैन्य असफलताओं को देखते हुए, हम में से कोई भी सामरिक परमाणु हथियारों या कम क्षमता वाले परमाणु हथियारों के संभावित प्रयोग से उत्पन्न खतरे को हल्के में नहीं ले सकता.
अमेरिका रूस को 'कमजोर' देखना चाहता है
रूसी विदेश मंत्री की चेतावनी अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन (Anthony Blinken) और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (Llyod Austin) के कीव जाने और यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता का वादा करने के कुछ घंटों बाद जारी की गई थी. ऑस्टिन ने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि अमेरिका रूस को 'कमजोर' देखना चाहता है और उन्होंने मास्को के खिलाफ जीतने में मदद करने के लिए यूक्रेन को हथियार देने का वादा किया. उनकी कीव यात्रा के तुरंत बाद, अमेरिका ने यूक्रेन को और हथियारों की डिलीवरी के लिए 40 से अधिक देशों की मीटिंग की मेजबानी की.
जर्मनी, जो पहले संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए अनिच्छुक था, आश्चर्यजनक तरीके से अब यूक्रेन को परिष्कृत हथियार देने के लिए सहमत हो गया है. लावरोव ने चेतावनी दी कि पश्चिमी देशों द्वारा एंटी टैंक मिसाइल जेवलिन (Javelin), बख्तरबंद वाहन और उन्नत क़िस्म के ड्रोन जैसे परिष्कृत हथियारों की सप्लाई उकसाने वाले कदम थे जो संघर्ष को समाप्त करने के बजाय उसे लंबा करने के लिए किए गए. रूसी विदेश मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा, 'विशेष अभियान के संदर्भ में रूस की सैन्य कार्रवाई के लिए ये हथियार जायज टारगेट होंगे'.
परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से परहेज किया
75 से अधिक सालों से किसी भी देश ने अपने विरोधी के खिलाफ परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं किया है. जापान को बिना शर्त आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने और द्वितीय विश्व युद्ध (WW II) को समाप्त करने के लिए अमेरिका ने अगस्त 1945 में जापानी शहरों हिरोशिमा (Hiroshima) और नागासाकी (Nagasaki) पर इसका इस्तेमाल किया था. परमाणु बम गिराए जाने के बाद हिरोशिमा में 135,000 लोग और नागासाकी में 64,000 लोग मारे गए थे. बाद के वर्षों में दुनिया अन्य न्यूक्लियर मोमेंट्स (nuclear moments) के करीब आ गई है, खासकर 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट (Cuban Missile Crisis), 1973 के योम किप्पुर युद्ध (Yom Kippur War) या 1983 के एबल आर्चर (Able Archer) घटना के दौरान. लेकिन इसमें शामिल देशों ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से परहेज किया.
कैसे होते हैं परमाणु बम
सामरिक परमाणु हथियार छोटे बम होते हैं जिन्हें युद्ध के मैदान की तरह कम दूरी पर उपयोग के लिए डेवलप किया जाता है. जबकि शीत युद्ध (Cold War) के दौरान महाशक्तियों ने ऐसे 'सामरिक' हथियार विकसित किए गए ताकि दूसरे के क्षेत्र को टारगेट करने के लिए लंबी दूरी तय कर सके. एक अनुमान के मुताबिक, रूस के पास 5,977 परमाणु हथियार हैं, जो दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा भंडार है. 5,428 वॉरहेड (warhead) के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के पास दूसरा सबसे बड़ा भंडार है. इसके अलावा, अमेरिका और रूस के पास क्रमशः 1,644 और 1,588 मिसाइलें हैं जो 'लॉन्च करने के लिए तैयार' स्थिति में हैं. सामरिक हथियारों के संदर्भ में 'कम विनाशक' टर्म को एक्सपर्ट्स भ्रामक विवरण के तौर पर देखते हैं जो आकार और शक्ति में अलग-अलग होते हैं. यह एक से 10 किलोटन या इससे भी अधिक का आयुध ले जा सकता है, लेकिन उनकी विनाशकारी क्षमता बहुत अधिक होती है. हिरोशिमा पर गिराया गया बम करीब 14 किलोटन का था.
कौन पहले पहल करता है!
सामरिक परमाणु हथियार 'एस्केलेट टू डी-एस्केलेट' रणनीति का हिस्सा हैं, जिसका अर्थ है विरोधी को मांगों को स्वीकार करने या पूर्ण परमाणु युद्ध का जोखिम उठाने की चेतावनी देने के लिए युद्ध के मैदान या अन्य जगहों पर ऐसे हथियार का विस्फोट करना. लेकिन अगर दोनों पक्ष परमाणु शक्तियां हैं, तो अंत में यह महत्वपूर्ण होगा कि दोनों पक्षों में से कौन पहले पहल करता है. हालांकि, संकेत बताते हैं कि अमेरिका द्वारा यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि यूक्रेन युद्ध पारंपरिक युद्ध के दायरे में रहे और परमाणु विस्फोट में न बिगड़े.
हाल ही में अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि युद्धपोत को डूबाने वाले हमले से पहले अमेरिका ने रूसी मिसाइल क्रूजर मोस्कवा के लोकेशन के बारे में यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा की थी. ऐसी भी खबरें थीं कि अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर दावा किया गया था कि यूक्रेन कई रूसी जनरलों को भी निशाना बनाने में सफल रहा है. लेकिन पेंटागन ने शुक्रवार को उन खबरों का खंडन किया जिसमें कहा गया कि इससे यूक्रेन की सेना को रूसी युद्धपोत मोस्कवा (Moskva) को पिछले महीने काला सागर में डुबाने में मदद मिली थी, जिससे मॉस्को को बड़ा झटका लगा था. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने (John Kirby) एक बयान में कहा, 'हमने यूक्रेन को मॉस्को के लिए निश्चित टारगेट इनफार्मेशन प्रदान नहीं की.' उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि अमेरिका को युद्धपोत के खिलाफ हमले की कोई पूर्व जानकारी थी.
हाल ही में अमेरिका ने रूस के साथ परमाणु तनाव को कम करने के लिए अपनी मिनटमैन III इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल के निर्धारित परीक्षण को भी रद्द कर दिया. लेकिन वाशिंगटन यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियारों की आपूर्ति कर रहा है और अपने सैनिकों को परिष्कृत हथियारों को संचालित करने के लिए ट्रेनिंग दे रहा है. वह कीव के साथ सैटलाइट, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस ऑपरेशन और अन्य सोर्स से हासिल खुफिया जानकारी भी साझा करता रहा है. हालांकि, व्हाइट हाउस और पेंटागन ने अमेरिकी सहायता जानकारी को सीमित करने की मांग की है ताकि रूस को यूक्रेन की सीमाओं से परे व्यापक संघर्ष के लिए उकसाया न जाए.
अब क्या होगा आगे
हालांकि अमेरिका अब दावा करता है कि उसका लक्ष्य लंबे समय तक रूस को कमजोर करना है, रूस ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करेगा. रॉयटर्स ने रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एलेक्सी जैतसेव (Alexei Zaitsev) के हवाले से कहा है कि जिसे मास्को यूक्रेन में अपना "स्पेशल ऑपरेशन" कहता है, उस पर रूस द्वारा परमाणु हथियारों का उपयोग लागू नहीं होता. आने वाले दिनों में अमेरिका और रूस दोनों को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है यदि दो नॉर्डिक राज्य, फिनलैंड और स्वीडन, अगले महीने मैड्रिड में बहुराष्ट्रीय सैन्य गठबंधन के शिखर सम्मेलन से पहले नाटो में सदस्यता के लिए अपने आवेदन के साथ आगे जाते हैं. यूक्रेन युद्ध क्या मोड़ लेता है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन इस इम्पोर्टेन्ट डेवलपमेंट पर यूरोप में कैसी प्रतिक्रिया देते हैं.
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