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सम्पादकीय
मनुष्य को पशु बनने से रोकने में सबसे ज्यादा मददगार होते हैं संस्कार
Gulabi Jagat
1 April 2022 8:29 AM GMT
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कभी-कभी मनुष्य का आचरण देखकर और सुनकर चिंता होने लगती है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
कभी-कभी मनुष्य का आचरण देखकर और सुनकर चिंता होने लगती है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है। बच्चियों के साथ ज्यादतियांं रुक नहीं रहीं, लेकिन पिछले दिनों तो मप्र के एक नगर में एक बेटे ने मां के साथ ही दुष्कर्म कर दिया! क्या सचमुच मनुष्य इतना गिर गया कि पशु से बदतर हो गया?
हमारे यहां पशु-पक्षी की हालत तो बदहाल है ही, अब तो मनुष्य से मनुष्य भी सुरक्षित नहीं रहा। नई-नई तकनीक, नए-नए यंत्रों और सुविधाओं ने हमें अपने ही हाथों रोबोट बना दिया। तो फिर मनुष्यता को बचाए रखने के लिए क्या किया जाए? मनुष्य को पशु बनने से रोकने में सबसे ज्यादा मददगार होते हैं संस्कार।
नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर आज शाम 7 बजे कोलकाता में होने वाले अनूठे कार्यक्रम 'एक शाम संस्कारों के नाम' से अवश्य जुड़िए। संस्कार व अन्य टीवी चैनलों के माध्यम से देश-दुनिया के करोड़ों भक्त एक साथ श्री हनुमान चलीसा का जप (महापाठ) करेंगे। हनुमान चालीसा महामंत्र है। इसके द्वारा जीवन में संस्कार उतारते हुए नवसंवत्सर का स्वागत कीजिए।
Gulabi Jagat
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