सम्पादकीय

ओमीक्रोन वैरिएंट के सबक

Gulabi
30 Nov 2021 4:45 AM GMT
ओमीक्रोन वैरिएंट के सबक
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कोरोना का ओमीक्रोन वैरिएंट
अभी जो भय का माहौल बना है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। और इससे जरूरी सबक लिया जाना चाहिए। वो सबक यह है कि दुनिया के सभी लोगों में कोविड-19 का एंटीबॉडीज बने, इसे सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए सबका एक निश्चित समय के भीतर टीकाकरण सुनिश्चित करना होगा।
वैज्ञानिक ये बात आरंभ से ही कह रहे थे कि कोरोना वायरस महामारी ऐसी है, जिससे अगर सुरक्षित हुई, तो यह सारी दुनिया होगी। अगर दुनिया की आबादी का एक भी हिस्सा सुरक्षित नहीं हुआ, तो फिर खतरा सबके लिए रहेगा। इसीलिए वैज्ञानिकों- और यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी जोर डाला कि धनी देश वैक्सीन की जमाखोरी ना करें, कोरोना वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त करें और दुनिया की पूरी आबादी के टीकाकरण को संभव बनाने के लिए उदारता से अनुदान दें। लेकिन धनी देशों ने नहीं सुनी। उन्हें लगा कि अपनी आबादी का टीकाकरण कर और एक निश्चित अवधि में उन्हें बूस्टर डोज लगा कर वे खुद को सुरक्षित बना लेंगे। अब ये भ्रम टूट रहा है। दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट- ओमीक्रोन से संक्रमित मरीज जिस तेजी से दुनिया भर के लगभग तमाम हिस्सों में पहचाने जा रहे हैं, उससे महामारी से उबरने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है। अभी यह तय नहीं है कि इस वैरिएंट पर पुराने टीकों का कैसा असर होगा।
यानी जो लोग टीका लगवा चुके हैं, वे इसके संक्रमण से कितना बच पाएंगे। अगर टीका की सुरक्षा को भेदने में यह वैरिएंट सक्षम साबित हुआ, तो उसका मतलब होगा कि बात घूम-फिर कर शून्य पर पहुंच जाएगी। यानी एक बार फिर कोरोना संक्रमण से कोई महफूज नहीं बचेगा। मुमकिन है कि ये अंदेशा निराधार साबित हो। लेकिन यह भी संभव है कि यह सच साबित हो। इसलिए अभी जो दुनिया भर में भय का माहौल बना है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। और इससे जरूरी सबक लिया जाना चाहिए। वो सबक यह है कि दुनिया के सभी लोगों में कोविड-19 का एंटीबॉडीज बने, इसे सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए सबका एक निश्चित समय के भीतर टीकाकरण सुनिश्चित करना होगा। वैज्ञानिक समझ यह है कि कहीं भी संक्रमण फैलने की स्थिति रही, तो वहां वायरस म्यूटेट करता रहेगा और उसके नए वैरिएंट बनते रहेंगे। उनमें से कौऩ सा वैरिएंट बेहद खतरनाक रूप ले ले और रोकथाम की अब तक हुई तमाम प्रगति को बेअसर कर दे, कोई नहीं जानता। इसलिए यह खुद धनी देशों के अपने हित में है कि वे तुरंत वैक्सीन का पेटेंट खत्म करें, और अपने भंडार में इकट्ठा वैक्सीन को उन देशों को मुहैया कराएं, जहां इसकी कमी है।
नया इण्डिया
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