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- जम्मू कश्मीरः बातचीत...

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाई जा रही बैठक बेहद अहम है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के तहत दिया गया विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से यह पहला मौका है, जब जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों या नेताओं को केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए बुलाया गया हो। स्वाभाविक ही इस प्रस्तावित बैठक को लेकर राजनीतिक गहमागहमी देखी जा रही है। हालांकि किसी भी दल की ओर से अभी बैठक को लेकर रुख औपचारिक रूप से स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन आम तौर पर इसे सकारात्मक कदम माना जा रहा है। ज्यादातर नेता औपचारिक निमंत्रण मिलने से पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे बातचीत के खिलाफ नहीं हैं और अगर उन्हें बुलाया गया तो वे बैठक में शामिल होकर अपनी बात रखना चाहेंगे। इससे इतना तो साफ हो ही जाता है कि किसी एक या दूसरे दल का रुख चाहे जो भी हो, पर यह पहल जम्मू-कश्मीर के आम लोगों की मन:स्थिति से मेल खाती है। वे चाहते हैं कि राजनीतिक संवाद शुरू हो और लोकतांत्रिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए।
