सम्पादकीय

इमरान खान के पाकिस्तान में रमजान के वक्त भीषण महंगाई की वजह क्या भारत है?

Gulabi Jagat
1 April 2022 11:14 AM GMT
इमरान खान के पाकिस्तान में रमजान के वक्त भीषण महंगाई की वजह क्या भारत है?
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सियासी उठा-पटक के बीच पाकिस्तान के सियासतदान तो अपनी रोटी सेंकने में मस्त हैं, लेकिन
अफरोज आलम.
सियासी उठा-पटक के बीच पाकिस्तान (Pakistan) के सियासतदान तो अपनी रोटी सेंकने में मस्त हैं, लेकिन वहां की जनता के सामने दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं. जहां तेल की कीमत, गैस की कीमत लंबे समय से पाकिस्तान में अवाम (Pakistani People) की पकड़ से बाहर है, वहीं अब रोजमर्रा की लगभग हर चीज उनके पहुंच से दूर हो रही है. आलम ये है कि पाकिस्तान में सामान का दाम बताते हुए भी लोगों का गला भर आता है. दूध (Milk) जैसे जरूरी उत्पाद जो बच्चे से लेकर बूढों तक की जरूरत है, जो हर सुबह एक कड़क चाय की रौनक बढ़ाता है अब धीरे-धीरे रसोई में अपनी मात्रा घटाने को मजबूर है, क्योंकि जनाब ये पहुंच से दूर है. एक लीटर दूध के दाम भी इस समय 150 रुपये लीटर से ऊपर है.

जमाखोरों से परेशान हैं पाकिस्तानी
पाकिस्तान की सियासी पार्टियां जोड़-तोड़ में लगी हैं, लेकिन पाकिस्तान की अवाम महंगाई से परेशान है. पाकिस्तान की अवाम रमजान का इस्तक़बाल करने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन महंगाई उनकी खुशियों पर पानी फेर रहा है, आम लोगों का कहना है कि जमाखोरी और सियासी उठा-पटक इसकी सबसे बड़ी वजह है.
मंहगाई पर विपक्ष भी हमलावर
मंहगाई से जहां जनता त्रस्त है, वहीं पाकिस्तान का विपक्ष भी हमलावर है. विपक्ष लगातार मंहगाई को लेकर इमरान सरकार को घेरे हुए है. विपक्ष का कहना है कि अगर मंहगाई को काबू में नही कर सकते तो सत्ता में क्यों बैठे हैं इमरान? मरियम नवाज, बिलावल भुट्टो, मौलाना फजलुर रहमान समेत विपक्ष के तमाम नेता इमरान खान से जवाब मांग रहे हैं. लेकिन इमरान खान के पास न महंगाई पर काबू पाने का तरीका है न जवाब देने के लिए शब्द. फिलहाल इमरान खान का पूरा ध्यान इस पर है कि किस तरह वो अपनी सत्ता बचा पाएं.
पाकिस्तान की सरकार के पास क्या हैं महंगाई के निजात पाने के उपाय?
पाकिस्तान के बड़े अर्थशास्त्री डॉक्टर बशारत हसन से जब टीवी-9 भारतवर्ष ने पूछा कि पाकिस्तान की सरकार के पास महंगाई से निजात पाने का कोई तरीका है, तो बशारत साहब ने तो पहले मजाकिया लहजे में बोला "साहब, खान साहब के पास अपनी सरकार बचाने के कोई उपाय नहीं हैं, उनके पास महंगाई से निजात पाने के क्या उपाय होंगे." बशारत साहब समझाते हैं कि दरअसल पिछले तकरीबन 20 सालों से पाकिस्तान के किसी रहनुमा के पास महंगाई से निजात पाने के कोई उपाय नहीं हैं.
इसके कई कारण हैं जैसे अमेरिका का पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान पर हमला, पाकिस्तान के कबाईली इलाकों में अमेरिकी हमला, भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिसतान पर पाबंदियों की वकालत करना, FATF की ग्रे लिस्ट में आना. ये वो तमाम कारण हैं जिसके चलते आम पाकिस्तानी मंहगाई की मार झेलने को मजबूर है. बशारत साहब ने आगे बताया इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद महंगाई और ज्यादा बढ़ी है, इसका सबसे बड़ा कारण है पाकिस्तान-भारत के रिश्ते जो बिल्कुल ही खराब दौर से गुजर रहे हैं. भारत ने लगभग आयात-निर्यात दोनों बंद कर दिया है, जिसकी वजह से महंगाई लगातार बढ़ी है.
डॉक्टर बशारत हसन ने कुछ उपाय भी टीवी 9 को बताए हैं, जिसमें उन्होंने जोर डालते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार को यानि प्रधानमंत्री इमरान खान को सबसे पहले अपने पड़ोसी मुल्क भारत से रिश्ते ठीक करने होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि हवाला पर रोक लगाकर, मार्केट को लिबरल बनाकर अर्थव्यवस्था को ठीक करना होगा. गरीब और छोटा मुल्क होने के कारण किसी ब्लॉक का हिस्सा न बनकर अपनी मार्केट बनानी होगी और अंतर्राष्ट्रीय कंपियों के अंदर सुरक्षा का अहसास कायम करना होगा, जिससे वो हमारे मुल्क को अपनाएं.
पाकिस्तान में मंहगाई आसमान पर
10 किलो आटा 800 रुपये, एक लीटर दूध 150-160 रुपये, एक किलो चिकन 330-350 रुपये, एक किलो चीनी 100-120 रुपये, एक दर्जन अंडे 140-150 रुपये, एक किलो टमाटर 80-100 रुपये, एक किलो आलू 50-60 रुपये, एक किलो प्याज 60-80 रुपये, एक किलो सरसो तेल 500 रुपये.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टकिल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)
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