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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्तराष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का भारत पिछले हफ्ते सदस्य बन गया है। वह पिछले 75 साल में सात बार इस सर्वोच्च संस्था का सदस्य रह चुका है। इस बार उसने इसकी सदस्यता 192 में से 184 मतों से जीती है। वह सुरक्षा परिषद के 10 अस्थाई सदस्यों में से एक है। उसे पांच स्थायी सदस्यों की तरह 'वीटो' का अधिकार नहीं है लेकिन एक वजनदार राष्ट्र के नाते अब तक उसने एशिया और अफ्रीका की आवाज को जमकर गुंजाया है। इस बार सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के लिए यह है कि वह सुरक्षा परिषद की तीन कमेटियों का अध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष के नाते उसके कई विशेषाधिकार होंगे। पहली कमेटी है, आतंकवाद-नियंत्रण, दूसरी कमेटी है, तालिबान-नियंत्रण और तीसरी कमेटी है, लीब्या-नियंत्रण। इन तीन में से दो कमेटियों का सीधा संबंध भारत से है। भारत की सुरक्षा से है। आतंकवाद-नियंत्रण कमेटी का निर्माण 2001 में न्यूयार्क के विश्व व्यापार केंद्र पर हमले के बाद हुआ था लेकिन यह कमेटी अभी तक तय नहीं कर सकी है कि आतंकवाद क्या है ?