- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- कोरोना की नयी लहर का...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऐसे वक्त में जब दुनिया कोरोना संक्रमण से राहत का सपना देख रही थी, ब्रिटेन में कोरोना वायरस के रूप बदलकर हमला करने से दुनिया सकते में है। दुनिया में टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है और भारत की तैयारी अंतिम चरण में है। वहीं यूरोप में दूसरी लहर ने आम आदमी की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ब्रिटेन में कोरोना का जो वायरस सत्तर फीसदी ज्यादा तेजी से फैल रहा है, क्या उस पर वैक्सीन का असर होगा? ऐसा सवाल वायरस की संक्रमण फैलाने की तीव्रता को देखकर उठाया जा रहा है। ऐसे में संक्रमण का प्रसार रोकना ही दुनिया की प्राथमिकता होनी चाहिए। चीन के वुहान से संक्रमण के प्रसार को लेकर दुनिया ने जो उदासीनता बरती है, कम से कम अब जब इस महामारी के मिजाज को दुनिया समझ चुकी है, कोई लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। एक बात तो तय है कि कोरोना संक्रमण से हमारी लड़ाई लंबी चलने वाली है। निस्संदेह जब मानवता राहत की उम्मीद कर रही थी, वायरस की तीव्रता में वृद्धि परेशान करने वाली है, जिसका असर भारत पर भी देखा जा रहा है। ब्रिटेन से आने वाली हवाई उड़ानों पर रोक इसी कड़ी का हिस्सा है। हालांकि, ब्रिटेन में संक्रमण काफी दिन पहले उजागर हो चुका था, उसे देखते हुए उड़ानों पर रोक का फैसला देर से लिया गया। लगता है हमने अतीत की चूकों से कोई सबक नहीं लिया। उधर महाराष्ट्र में अगले छह माह तक मास्क अनिवार्य कर दिया गया है और रात्रि कर्फ्यू लागू किया गया है। कोरोना वायरस ने ऐसे वक्त पर दस्तक दी है जब पूरी दुनिया क्रिसमस और नये साल के जश्नों के जरिये अपनी साल भर की उदासी और अवसाद को दूर करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन अब ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, थाइलैंड व दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में संक्रमण के नये रूप ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है।