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- निरोगी-उपयोगी जीवन के...
आजकल मोबाइल और कंप्यूटर के इर्द-गिर्द घूमती जिंदगी में शारीरिक क्रियाएं शून्य होती जा रही हैं। महामारी के इस दौर में न चाहते हुए वे क्रियाएं भी तकनीक के सहारे करनी पड़ रही हैं जिनके लिए पहले शारीरिक क्रियाओं की आवश्यकता होती थी। बात चाहे वर्क फ्रॉम होम की हो या फिर ऑनलाइन शिक्षा की, शारीरिक क्रियाओं पर पूरी तरह से विराम लग चुका है। शारीरिक क्रियाओं का अभाव कई तरह के शारीरिक और मानसिक विचलनों और रोगों को दावत देता है। दुनिया भर में किए गए बहुत से शोध ये बताते हैं कि शारीरिक क्रियाएं करने वाले लोग लंबा जीवन जीते हैं और उनमें असमय और आकस्मिक मृत्यु की संभावना भी कम होती है। शारीरिक क्रियाओं में बिताए गए समय से जीवन कितना लंबा बढ़ेगा, इसका कोई फार्मूला तो नहीं है लेकिन शोधकर्ता ये बताते हैं कि जो लोग ज्यादा क्रियाशील रहते हैं, वे दूसरों के मुकाबले स्वस्थ और लंबा जीवन व्यतीत करते हैं। शारीरिक क्रियाओं के अभाव में खुद को स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है। ऐसी परिस्थितियों में फिटनेस के प्रति जागरूकता और उससे मिलने वाले लाभों की बात करना आवश्यक हो जाता है।