सम्पादकीय

बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम का लेवल बिगड़ सकता है, किडनी को भी होता है नुकसान: एक्सपर्ट्स

Gulabi Jagat
31 March 2022 1:09 PM GMT
बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम का लेवल बिगड़ सकता है, किडनी को भी होता है नुकसान: एक्सपर्ट्स
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दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इस बार मार्च की शुरुआत से ही बहुत ज्यादा गर्मी पड़ रही है
उन्नति गोसाईं।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इस बार मार्च की शुरुआत से ही बहुत ज्यादा गर्मी (Heat) पड़ रही है. दिल्ली के कई मौसम केंद्रों में सोमवार को पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज किया गया. इस लू (Heat wave) से बचने के लिए एक्सपर्ट्स ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं. लेकिन ज्यादा पानी पीना (Excess water intake) भी सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर (ISIC) में कंसल्टेंट और जनरल यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर विनीत नारंग ने TV 9 को बताया, "बहुत अधिक पानी पीना भी शरीर के लिए अच्छा नहीं होता, ख़ास कर किडनी के लिए. जरूरत से ज्यादा पानी पीने से उत्सर्जन तंत्र (Excretory system) सही तरीके से काम नहीं कर पाता है."
बहुत अधिक पानी पीने के कई साइड इफेक्ट होते हैं जो हल्की चिड़चिड़ाहट से शुरू होकर जानलेवा भी साबित हो सकते हैं. अधिक पानी के कारण शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स भी असंतुलित हो सकते हैं. डॉ. नारंग ने बताया कि पानी के अधिक सेवन से ब्लड में सोडियम की कमी (Dilutional hyponatremia) और दिमागी फंक्शन में परेशानी (Altered sensorium) हो जाती है. जब आप बहुत अधिक पानी पीते हैं तो आपकी किडनी अतिरिक्त पानी को बाहर नहीं निकाल पाती है और रक्त में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है, जिससे Hyponatremia नामक स्थिति पैदा हो जाती है. जो जानलेवा भी हो सकती है. ज़्यादा पानी पीने से सोडियम सबसे अधिक प्रभावित होता है. यह एक महत्वपूर्ण तत्व है जो कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. जब शरीर में पानी की अधिक मात्रा के कारण सोडियम कम हो जाता है, तो तरल पदार्थ कोशिकाओं के अंदर पहुंच जाते हैं. कोशिकाओं में सूजन आ जाती हैं, जिससे दौरे पड़ने, कोमा में जाने या यहां तक ​​कि मृत्यु का भी खतरा होता है.
ज्यादा पानी पीने से बीपी हाई भी हो सकता है
इस दौरान इंसान को वाटर प्वाईजनिंग, नशा या दिमाग़ का ठीक से काम न करना भी महसूस हो सकता है. ऐसा तब होता है जब कोशिकाओं (मस्तिष्क की कोशिकाओं सहित) में बहुत अधिक पानी जमा हो जाता है और मस्तिष्क में सूजन आ जाती है. कोशिकाएं सूज कर मस्तिष्क में दबाव बनाना शुरू कर देती हैं. इस स्थिति में व्यक्ति को भ्रम, उनींदापन और सिरदर्द का अनुभव होना शुरू हो सकता है. यदि यह दबाव बढ़ता है तो यह Hypertension (उच्च रक्तचाप) और Bradycardia (निम्न हृदय गति) जैसी स्थितियों का कारण भी बन सकता है.
डॉ नारंग ने आगे बताया कि "बहुत ज्यादा पानी पीने (Polydipsia) से आपातकालीन परेशानियों तो होती हीं हैं, साथ ही आगे चल कर यह Permanent bladder dysfunction का कारण भी बन सकता है, जो कि बुजुर्गों के लिए बहुत हानिकारक है. केवल उन रोगियों को ज्यादा पानी पीने का सुझाव दिया जाता है (2.5 – 3 लीटर की मापित सीमा में) जिनमें पथरी से संबंधित और यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण जैसी परेशानियां हैं."
क्या संकेत हैं कि आप बहुत ज्यादा पानी पी रहे हैं?
डॉ नारंग ने कहा कि पानी की मात्रा के अनुसार यूरीन का रंग बदल जाता है. इस रंग के अनुसार आप अपने पानी पीने की मात्रा सही कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "अगर आपका यूरिन सफेद या हल्का पीला है, तो आप ठीक मात्रा में पानी पी रहे हैं और यदि यह गहरा पीला और गंधयुक्त है तो आपको और अधिक पानी पीने की ज़रूरत है."
ओवरहाइड्रेशन के लक्षण
डॉ. के मुताबिक, ओवरहाइड्रेशन के लक्षण डिहाइड्रेशन की तरह दिख सकते हैं. जब आपके शरीर में बहुत अधिक पानी होता है तो किडनी अतिरिक्त तरल पदार्थ को नहीं निकाल पाती हैं. यह शरीर में जमा होने लगते हैं. जिससे जी मिचलाना, उल्टी और दस्त होने लगते हैं.
कमजोर मांसपेशियां आसानी से सिकुड़ जाती हैं:
जब बहुत अधिक पानी पीने के कारण इलेक्ट्रोलाइट का स्तर कम हो जाता है तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है. शरीर में कम इलेक्ट्रोलाइट का स्तर मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकता है.
थकान या कमजोरी:
बहुत अधिक पानी पीने से आपकी किडनी को तरल पदार्थ की अतिरिक्त मात्रा निकालने के लिए बहुत मेहनत करती पड़ती है. इससे एक हार्मोनल प्रतिक्रिया होती है जिससे आप तनावग्रस्त और थका हुआ महसूस करते हैं. बहुत ज़्यादा पानी पीने के बाद यदि आप बिस्तर से नहीं उठ पाते हैं, तो इसका सीधा मतलब है यह है कि आपकी किडनी को अधिक काम करना पड़ रहा है.
कितना पानी पर्याप्त है?
WebMD के अनुसार, एक व्यक्ति को प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए इसका कोई तय गाइडलाइन नहीं है. यह व्यक्ति की शारीरिक जरूरत, उसकी शारीरिक गतिविधि के स्तर, जलवायु, शरीर के वजन, लिंग आदि पर निर्भर करता है. 19 से 30 साल की महिलाओं को रोजाना लगभग 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए. उसी उम्र के पुरुषों को लगभग 3.7 लीटर पानी की जरूरत होती है. जितनी प्यास लगती है बस उतना ही पानी पीना सबके लिये पर्याप्त नहीं हो सकता है, ख़ासकर एथलीटों, वृद्ध लोगों और गर्भवती महिलाओं के लिए.
डॉक्टर नारंग ने यह सलाह दी कि "इसका उपाय, अपने आप को निर्जलित करना नहीं बल्कि अपनी प्यास के अनुसार पानी पीना है." शरीर में पानी के पर्याप्त स्तर को बरकरार रखने के लिए दिन में आठ गिलास पानी पीने की सलाह दी गई है.
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