सम्पादकीय

Datia: मित्र अगर सच्चा हो फिर चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान, इसका जीता जागता सबूत आसिफ़ रियाज़

Gulabi Jagat
19 July 2024 2:18 PM GMT
Datia: मित्र अगर सच्चा हो फिर चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान, इसका जीता जागता सबूत आसिफ़ रियाज़
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Datia: कथा एक हिंदू मित्र के यह और व्यवस्था एक मुस्लिम मित्र के यह …… इस सब को देख कर आप क्या कहेंगे ये आप की सोच पर निर्भर है ….. ग्वालियर के भितरवार से खबर, ग्वालियर के भितरवार में देखी गई गंगा जमुना तहजीब। इस नफरतों के दौर में मोहब्बत की हवाएं चल रही ग्वालियर के भितरवार में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की आसिफ रियाज़ ने इस वक्त की बड़ी खबर ग्वालियर जिले के भितरवार तहसील के अंतर्गत भितरवार नगर से निकलकर आ रही है जहां इस नफरतों भरे बाजार में एक मुस्लिम परिवार ने मोहब्बत की हवाएं चला दी। जी हां आपने सही सुना आपको बताना चाहेंगे कि अमित सिंघल पटाई वालों के यहां महामृत्युंजय का जाप पिछले लगभग 10 दिनों से चल रहा है जिसमें कई बड़े-बड़े अचार पंडित आए हुए हैं जिनकी रूकने एवं ठहरने की व्यवस्था हर तरह से आचार्य पंडितों की सेवा ग्वालियर जिले के
भितरवार नगर
में रहने वाले आसिफ रियाज़ के संपूर्ण परिवार के द्वारा की जा रही है जिसकी भितरवार नगर के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों में ग्वालियर जिले तक इसकी खबर पहुंची और सभी लोगों ने हर तरफ यही कहा कि इस नफरतों के भरे बाजार में एक मुस्लिम परिवार ने भितरवार में मोहब्बत की हवाएं चल दी या यूं कहे कि मोहब्बत की दुकान खोल दी सभी लोग उनकी तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं आपको बताना चाहेंगे कि आसिफ रियाज़ का परिवार एक बहुत ही सहज सरल परिवार है और वह हमेशा आगे बढ़ चढ़कर गरीबों बेसहारों की मदद करते रहते हैं और वह कई तरह के आयोजन भी करते रहते हैं जिसके चलते हुए अमित सिंघल पटाई वालों के यहां महामृत्युंजय का जाप चल रहा है जिसमें दूर-दूर से बड़े-बड़े पंडित विधान आए हुए हैं जिनके रुकने ठहरने एवं संपूर्ण व्यवस्था आसिफ रियाज़ के परिवार द्वारा की जा रही है जिसकी संपूर्ण नगर में वाह वाह हो रही है।
आज अखरी दिन उनकी विदाई प्रोग्राम के साथ उनकी विदाई की जाएगी। पत्रकार आसिफ रियाज के मकान पे ऑफिस बुंदेली बौछार जो की आज नगर में बड़ा हर्ष का विषय है ....... अर्ज क्या है कुछ लाइन ये सब वाक्य को देखते हुए इरशाद फरमाए......
बेहद हसीन वो शाम हो जाए
जब ...
हर हिन्दू में हो ख़ुदा
और...
मुस्लिम में... राम नाम हो जाए।
कितना अनोखा पैगाम हो जाए
जब हर घर में गीता का कलाम हो जाए।
सुख में संग हंस लें , ग़म में संग रो ले
कुछ ऐसा नज़ारा सरेआम हो जाए
जब अज़ान में कृष्णा का गान हो जाए
प्रेम का बगीचा हिंदुस्तान हो जाए।
हो बासुंरी की तान में कुरान की सरगम
ईद की सुबह और दिवाली की चमचम
बैठे शांति का कबूतर हर मुंडेरी पे
क्या गजब हो जब....
होली में भी सेवई की फरमान हो जाए।
बेहद हसीन वो शाम हो जाए
जब ...
हर हिन्दू में हो खुदा
और...
मुस्लिम में... राम हो जाए
कभी नक़ाब-हिजाब ,तो कभी आंचल में ढकी
हर बेटी के शौर्य का सलाम हो जाए
देशभक्ति का जज्बा हर लहूं में उतरे
ऐसी एकता की मिशाल हिंदुस्तान हो जाए।
नमाज़ इंसानियत की गूंजे
होलिका हर कोई जलाए ,न जले पुतले में ही रावण
न कोई द्रोपदी लूटने पाए
कुछ ऐसा मुकम्मल जहान हो जाए
भारत माता को भी खुद पे गुमान ही जाए
बेहद हसीन वो शाम हो जाए
जब हो...
हर हिन्दू में खुदा
और...
मुस्लिम में... राम हो जाए।


दतिया से पत्रकार सफीक काजी

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