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- कोरोना की खोज
दुनिया को अभी कोरोना के बारे में पूरे जवाब नहीं मिले हैं। पहली पहेली ही अभी हल नहीं हुई है कि आखिर कोरोना कैसे पैदा हुआ? विश्व स्वास्थ्य संगठन की जो टीम चीन दौरे पर गई थी, वह भी पुख्ता जवाब के साथ नहीं लौटी है। उस टीम के पास कुछ आंकड़े भर हैं और इस टीम के सदस्यों को भी लगता है, कोरोना-खोज की यह शुरुआत भर है। कोरोना का जवाब खोजना इसलिए भी जरूरी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को ऐसी किसी महामारी से बचाया जा सके। वैज्ञानिकों के लिए यह महान चुनौती है। अव्वल तो लगभग एक साल बाद चीन ने अंतरराष्ट्रीय टीम को वुहान पहुंचने दिया। टीम जब वुहान पहुंची, तब वहां शुरू में ही उसे प्रतिकूल माहौल दिया गया। लगभग चार सप्ताह वैज्ञानिक वहां रहे, लेकिन कुछ भी ऐसा उनके हाथ नहीं लगा, जिससे विज्ञान की दुनिया किसी ठोस नतीजे पर पहुंचती। नैतिकता का तकाजा यही है कि चीन स्वयं जांच करके दुनिया को सच बताता। आज पूरी दुनिया में उस पर सवाल उठ रहे हैं। महामारी से चीनी विश्वसनीयता को जो क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई के प्रति चीन कितना गंभीर है?