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दुनिया का वो वीरान होटल जिसमें आज तक नहीं रुका कोई इंसान, 1987 से नहीं पूरा हुआ काम

Gulabi
26 Jan 2021 2:30 PM GMT
दुनिया का वो वीरान होटल जिसमें आज तक नहीं रुका कोई इंसान, 1987 से नहीं पूरा हुआ काम
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घूमने का शौक रखने वाले देश दुनिया के हर कोने को घूमना और एक्सप्लोर करना पसंद करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। घूमने का शौक रखने वाले देश दुनिया के हर कोने को घूमना और एक्सप्लोर करना पसंद करते हैं. पर कुछ जगहें ऐसी होती हैं जहां जाने पर इंसान की रूह कांप जाती है. उत्तर कोरिया (North Korea) में ऐसा ही एक होटल है, जहां कोई ठहरता नहीं है. रयुगयोंग नाम के इस होटल को यू-क्यूंग के नाम से भी जाना जाता है, यहां आज तक कोई भी नहीं टिक पाया.


उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में 330 मीटर ऊंचे इस होटल में कुल 105 कमरे हैं. लेकिन आज तक कोई भी व्यक्ति यहां ठहरा नहीं है. बाहर से बेहद ही शानदार, लेकिन वीरान से दिखने वाले इस होटल को 'शापित होटल' या 'भुतहा होटल' के नाम से जाना जाता है. इस होटल को '105 बिल्डिंग' के नाम से भी जाना जाता है. कुछ साल पहले अमेरिकी मैगजीन ईस्क्वाइयर ने इस होटल को 'मानव इतिहास की सबसे खराब इमारत' करार दिया था.

इस होटल को बनाने में कुल 750 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे, लेकिन फिर भी आज तक यह होटल शुरू नहीं हो पाया. इस होटल को दुनिया के सबसे ऊंचे होटल के रूप में बनाया जा रहा था, लेकिन इस होटल को अब 'धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत' के तौर पर जाना जाता है. इस वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. इस इमारत का निर्माण कार्य 1987 में शुरू हुआ था. तब यह उम्मीद जताई गई थी कि यह होटल दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. इसके बाद 1992 में उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इस होटल का काम रोकना पड़ा. साल 2008 में इसे बनाने का काम फिर से शुरू हुआ.

साल 2012 में नॉर्थ कोरिया ने ये ऐलान किया था कि होटल का काम 2012 तक पूरा हो जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. कई बार होटल खुलने की उम्मीदों के बीच आज तक यह होटल खुल नहीं पाया. इस होटल को अब 'शापित होटल' और 'भुतहा होटल' के नाम से जाना जाता है.


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