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जानिए देर तक सोने के बाद भी छोटी क्यों लगती है हमारी नींद
Gulabi Jagat
3 July 2022 2:13 PM GMT
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सोने के बाद भी छोटी क्यों लगती है हमारी नींद
जब आप स्कूल या ऑफिस जाने के लिए सुबह उठते हैं और आलस आने पर तय करते हैं कि 5 मिनट आंख बंदकर लेट लिया जाए, तब वक्त इतनी तेजी से भागता है कि 5 मिनट अचानक आधे घंटे या कई बार उससे ज्यादा में तब्दील हो जाता है. या फिर जब आप ट्रेन, बस या कार से यात्रा करते हैं, और कुछ देर के लिए सोते हैं, तो उठने के बाद आपको लगता है कि आप कुछ ही देर पहले सोए थे मगर जब आप रास्ता देखते हैं तो आपको पता चलता है कि आप काफी आगे निकल आए हैं. सवाल ये उठता है कि देर तक सोने के बाद भी जब हम सोकर उठते हैं तो हमें हमारी नींद इतनी छोटी (Why does sleep feel so short) क्यों लगती है?
अक्सर ऐसा आपके साथ घर पर भी होता होगा. जब कभी आप दिन में सोकर (facts about sleep) उठते होंगे तो आपको लगता होगा कि आप 20 मिनट या आधे घंटे के लिए ही सोए थे मगर जब आप घड़ी देखते हैं तो आपको पता चलता होगा कि आप 1-डेढ़ घंटे से ज्यादा (Why does time go so fast when you're asleep) सो चुके हैं. ऐसा यूं ही नहीं होता. इसके पीछे हमारा दिमाग जिम्मेदार है जो अक्सर हमें ये एहसास दिलाता है कि हमारी नींद काफी छोटी थी. इसी कारण से जब हम सोते हैं तो हमारा वक्त जल्दी बीत जाता है.
माहौल से कट जाने के कारण होता है ऐसा
वॉशिंग्टन स्टेट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट आस्क डॉक्टर यूनिवर्स पर हाल ही में एक 12 साल के बच्चे ने यही सवाल पूछा जिसके जवाब में वैज्ञानिकों ने उसे नींद से जुड़े इस राज के बारे में बताया. वॉशिंग्टन स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्चर एशली इंगिओसी ने बताया कि कई बार हमें नींद इतनी छोटी इसलिए लगती है क्योंकि हम अपने आसपास के माहौल से सोते वक्त कट जाते हैं. दिनभर हमारा मस्तिष्क और हमारे शरीर के सेंसरी ऑर्गन हमें अलग-अलग तरह के संदेश देते रहते हैं जिनसे हमें ये पता चल जाता है कि हम जग रहे हैं और हमारे आसपास क्या हो रहा. इससे हम ये भी पता लगा लेते हैं कि वक्त क्या हुआ है और वो स्थिर गति से बढ़ रहा है. मगर सोते वक्त शरीर का आधा हिस्सा आराम की मुद्रा में चला जाता है और वो अपना काम करना कुछ वक्त के लिए रोक देता है. जैसे सोते वक्त आप जिस चादर पर लेटे हैं वो नहीं मेहसूस कर सकते, कोई खुशबू या बदबू को नहीं मेहसूस कर सकते. इस कारण हमारे दिमाग को भी आराम मिलता है क्योंकि उसे तुरंत से कोई संकेत नहीं मिल पाता.
इसी वजह से जल्दी बीत जाता है अच्छा वक्त
जब हमें वक्त का ही नहीं पता चलेगा, ना ही हमारे आसपास के माहौल का तो फिर समय अपने आप जल्दी बीतता हुआ सा लगेगा. यही वजह है कि जब कोई अपने काम में भी डूब जाता है तो उसे समय का पता ही नहीं चलता. इसी तरह जब हम परिवार या दोस्तों के साथ मजे करते हैं तो हमें ऐसा लगता है जैसे समय बहुत जल्दी बीत गया. इसका भी यही कारण है कि हम माहौल से कट जाते हैं. अगर रात की ट्रेन यात्रा करने के दौरान आपको नींद ना आए तो आपको पता चलेगा कि आपका शहर आने में कितना ज्यादा वक्त लग रहा है लेकिन अगर आप सो जाएं तो लगता है कि कुछ ही वक्त में शहर आ गया.
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Gulabi Jagat
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