दिल्ली-एनसीआर

अस्पताल में महिला की चली गई आवाज, सांस लेने में भी हो रही थी कठिनाई, फिर...

jantaserishta.com
19 Jan 2022 7:30 AM GMT
अस्पताल में महिला की चली गई आवाज, सांस लेने में भी हो रही थी कठिनाई, फिर...
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जानें मामला।

नई दिल्ली: दिल्ली में डॉक्टरों ने कमाल कर दिया है. अस्पताल में भर्ती एक महिला की आवाज चली गई थी, महिला को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी, इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी कर महिला की जान बचा ली.

अस्पताल ने बताया कि मंगलवार को एक न्यूज एजेंसी को बताया कि म्यांमार की एक 50 साल की महिला को अस्पताल लाया गया था. महिला हाल ही में अपने एक रिश्तेदार को किडनी दान करने के लिए भारत आई थी. जब किडनी ट्रांसप्लांट के लिए महिला को तैयार किया गया तो महिला ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की. इसके बाद डॉक्टरों ने जांच की तो महिला के गर्दन में ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब पाया जिसके कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि कुछ साल पहले म्यांमार में थायरॉयड की सर्जरी के बाद महिला ने बोलने की क्षमता खो दी थी. उसकी गर्दन में कृत्रिम रूप से एक ट्यूब डाली गई थी जिसे ट्रेकियोस्टोमी कहा जाता है. इसी के चलते महिला को सांस लेने में भी दिक्कत होती थी और वह बोल भी नहीं पाती थी.
शिकायत और जांच के बाद डॉक्टरों ने महिला और उसके परिजन को सर्जरी की सलाह दी ताकि उसकी गर्दन से ट्यूब को हटाया जा सके. इसके बाद जीआई सर्जरी और ट्रांसप्लांटेशन सीनियर कंसल्टेंट सर्जन इन जनरल सर्जरी संदीप गुलेरिया और कंसल्टेंट ईएनटी, हेड एंड नेक रोबोटिक सर्जरी डॉक्टर नूर उल दीन मलिक की देखरेख में एक साथ दोनों सर्जरी कर दी.
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि महिला की सर्जरी नवंबर में हुई थी. उसकी स्थिति को देखते हुए लेजर कॉर्डेक्टोमी के साथ-साथ डोनर नेफरेक्टोमी (किडनी दान के लिए सर्जरी) की सलाह दी गई थी. महिला के ठीक होने पर डॉ गुलेरिया ने कहा कि प्लान के मुताबिक हमने दोनों सर्जरी को एक साथ अंजाम दिया. महिला मरीज अब पहले से बेहतर महसूस कर रही हैं. वह स्वाभाविक रूप से बात करने और सांस लेने में सक्षम है.
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