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एम्स में वेरिफिकेशन के लिए अब मरीज को नहीं होना होगा परेशान
दिल्ली न्यूज़: बिहार के मोतिहारी से मां के दिल की सर्जरी करवाने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली पहुंचे सुभाष महतो आयुष्मान कार्ड कार्यालय के पास अंदर-बाहर चक्कर लगा रहे थे। भर्ती करवाने से पहले कार्ड को सत्यापित करने के लिए फोन पर ओटीपी नहीं आ रहा था। कार्यालय में नेटवर्क की समस्या होने के कारण करीब डेढ़ घंटे के बाद सत्यापन हो पाया। आयुष्मान कार्ड के तहत भर्ती करवाने में ओटीपी को लेकर परेशान होने वाले सुभाष महतो अकेले नहीं हैं, उनके जैसे हजारों मरीज हर सप्ताह यहां ओटीपी के लिए परेशान होते हैं। ऐसे मरीजों की समस्या आने वाले दिनों में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) से दूर हो जाएगी। दरअसल एम्स ओपीडी के आठवीं मंजिल पर आभा आईडी बनाई जा रही है। इस दौरान यदि किसी मरीज के पास आयुष्मान कार्ड है तो उक्त जानकारी भी आभा आईडी में अपडेट हो जाएगी। आयुष्मान कार्ड को आभा आईडी से जोड़ने के बाद मरीज के सत्यापन के लिए ओटीपी की जरूरत नहीं होगी, बल्कि बायोमेट्रिक माध्यम (अंगुठा का निशान या चेहरा दिखाकर) से ही सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
एम्स में हर साल आते हैं हजारों मरीज: एम्स आयुष्मान कार्यालय की माने तो अस्पताल में हर साल हजारों मरीज योजना के तहत उपचार करवाने आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज हार्ट, हड्डी, सर्जरी सहित अन्य विभागों में सर्जरी करवाने आते हैं। इनमें से अधिकतर मरीजों की संख्या बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों की होती है। बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत मरीज को पांच लाख रुपए तक के उपचार की सुविधा मिलती है।
आज से फिर बनेंगी आभा आईडी: राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में सोमवार से फिर से आभा आईडी बननी शुरू हो जाएगी। दरअसल एम्स का सर्वर ठप होने के बाद आभा आईडी बनाने की प्रकिया प्रभावित हो गई थी। एम्स सोमवार से इन्हें फिर से चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगा। एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास के आदेश पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत 21 नवंबर से आभा आईडी बनाने की शुरूआत की थी। आभा आईडी के माध्यम से ही एम्स में पर्ची बनाई जा रही है। हालांकि साइबर अटैक होने के कारण ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हुई है और इसे फिर से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।