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नॉएडा: जियो टेक्सटाइल फाइबर से सुपरटेक टावरों को किया जा रहा कवर
नॉएडा न्यूज़: दिल्ली से सटे नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर में विस्फोट के समय मलबा आसपास की इमारतों को नुकसान न पहुंचाए इसके लिए दोनों टावरों के कुछ फ्लोर को जियो टैक्सटाइल फाइबर की शीट से कवर किया जा रहा है। उन्ही फ्लोर को बाहर से कवर किया जा रहा है जिनके पिलर में विस्फोट किया जाएगा। इसके बाद एस्टर-1,2,3 और एटीएस के टावर को भी जियो टैक्सटाइल फाइबर से कवर करेंगे। 22 मई को दोनों टावरों को ध्वस्त किया जाना है। एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट हेड उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोनों टावरों को गिराने के लिए दो ब्लास्ट (प्राइमरी और सेकेंडरी) होंगे। प्राइमरी ब्लास्ट में ग्राउंड फ्लोर, पहले, दूसरे, छठवें, दसवें, 14वे, 22वे, 26 वें और 30वें फ्लोर पर एक्सप्लोसिव किया जाएगा। ये सभी फ्लोर चारो ओर से जिसे टेक्सटाइल फाइबर से ढक दिए जाएंगे। ये काम नौ दिनों में पूरा हो जाएगा। इसी तरह सेकेंडरी ब्लास्ट दूसरे टावर में होगा वहां भी सेम प्रोसेस होगा। प्राइमरी ब्लास्ट के सिक्यूवेंस 0 से 7.0 सेकंड का होगा। इसी तरह सेकेंडरी ब्लास्ट 0 से 3.5 सेकंड का होगा। ब्लास्ट के दौरान मलबा प्रिमिसिस से बाहर नहीं आएगा। आसपास के टावर के सुरक्षा के लिए भी जियो टेक्सटाइल फाइबर लगा दी जाएगी। जियो टेक्सटाइल फाइबर एक प्राकृतिक पारगम्य फैब्रिक है, जो बेहद मजबूत होने के साथ अत्यधिक टिकाऊ, टूट-फूट, मोड़ एवं नमी प्रतिरोधी है। इस कारण इसका उपयोग नदी तटबंधों, खादान की ढलानों का स्थिरीकरण करने और मिट्टी के कटाव को रोकने में भी किया जा सकता है। यहां इसका प्रयोग ब्लास्ट के दौरान कंस्ट्रक्शन मलबा न फैले इसके लिए किया जा रहा है। पिलर के चारों ओर हैवी वायर मैश (तारो का जाल) बनाया जा रहा है जो एक प्रकार की जकड़ बनाता है।
एक सप्ताह में आएगी रिपोर्ट: दोनों टावरों को ध्वस्त करने से पहले एक ट्रायल ब्लास्ट किया गया। चेन्नई आईआईटी ने छह स्थानों पर वाइब्रेशन चेक किए। इसकी एक कंपाइल रिपोर्ट आईआईटी तैयार कर रही है। इसी तरह पिलर की मजबूती का आकलन किया जा रहा है। जिसका कैल्कूलेशन विस्फोटक की मात्रा तय करेगा। इन सभी की रिपोर्ट अगले सप्ताह तक एडिफिस को मिल जाएगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।