दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली में मांझे बनी जान की आफत, छीनी पक्षियों की आजादी400 से ज्यादा के पैर-गर्दन कटे

Renuka Sahu
16 Aug 2022 2:22 AM GMT
Manjha became a disaster of life in Delhi, snatched the freedom of birds, legs and necks of more than 400 were severed
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फाइल फोटो 

देश की राजधानी दिल्ली में मांझे से न सिर्फ इंसान, बल्कि बेजुबान पक्षियों की भी जान आफत में है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की राजधानी दिल्ली में मांझे से न सिर्फ इंसान, बल्कि बेजुबान पक्षियों की भी जान आफत में है। स्वतंत्रता दिवस पर की जाने वाली पतंगबाजी से बीते चार दिन में ही 400 से अधिक पक्षी घायल हुए हैं। दो साल बात इतनी बड़ी तादाद में घायल अवस्था में पक्षियों को उपचार के लिए चांदनी चौक स्थित चैरिटी बर्ड्स अस्पताल लाया गया है। घायल पक्षियों में राष्ट्रीय पक्षी मोर भी शामिल हैं।

चैरिटी बर्ड्स अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि यहां लाए गए किसी पक्षी की गर्दन कटी है तो किसी के पंख कट गए हैं। मांझे में उलझने से कई पक्षियों की टांगें भी चोटिल हो गई हैं। नवीन शाहदरा स्थित जैन धर्मार्थ पक्षी चिकित्सालय में भी लोग मांझे से घायल हुए पक्षियों को लेकर पहुंच रहे हैं। चांदनी चौक चैरिटी बर्ड्स अस्पताल के डॉ. रामेश्वर यादव ने बताया कि इस साल दस अगस्त के बाद से ही रोजाना 70-80 पक्षी घायल अवस्था में अस्पताल लाए जा रहे हैं। 14 अगस्त को यह संख्या 100 से अधिक थी। स्वतंत्रता दिवस वाले दिन भी शाम तक 100 से अधिक पक्षी इलाज के लिए लाए गए।
ठीक होने में एक महीना लगेगा
डॉ. रामेश्वर यादव ने बताया कि घायल पक्षियों में सबसे ज्यादा कबूतर हैं। इसके अलावा तोता, कौआ भी लाए गए हैं। मांझे की वजह दो मोर भी घायल हुए हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। कई पक्षियों की हालात तो ऐसी है कि वे दाना भी नहीं खा पा रहे हैं। ऐसे पक्षियों की विशेष निगरानी की जा रही है। घाव गहरे हैं, जिन्हें भरने में वक्त लगेगा। सभी घायल पक्षियों को ठीक होने में करीब एक महीने का वक्त लग सकता है।
क्या हैं नियम
दिल्ली पर्यावरण विभाग ने राजधानी में 10 जनवरी 2017 को एक अधिसूचना जारी कर पतंग उड़ाने के लिए नायलॉन, प्लास्टिक और अन्य तरह के सिंथेटिक सामान से तैयार मांझों की बिक्री, उत्पादन, स्टोरेज, सप्लाई और उसे आयात करने पर पूरी तरह बैन लगा दिया है।
फ्लाईओवर पर सावधान
मांझे से गर्दन कटने के ज्यादातर हादसे फ्लाईओवर पर हो रहे हैं। पुल के आसपास बसे इलाकों में से पतंग कटकर अचानक यहां आ जाती हैं, जिसका मांझा बाइक सवारों के लिए काल बन रहा है। मांझा गर्दन में फंसने से बाइक सवार की जान जा सकती है।
खतरनाक है चीनी मांझा
मांझे से राजधानी में कई लोगों की जान जा चुकी है। खासकर बाइक सवारों की मांझे से गर्दन कटने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। एल्यूमिनियम फॉयल (धातु) से बनी हुई पतंग और मेटल पाउडर कोटेड मांझे का उपयोग न करने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे इनमें करंट आ सकता है।
अलग-अलग स्थानों पर पांच लोग घायल
स्वतंत्रता दिवस पर चीनी मांझे ने कहर बरपाया। अलग-अलग इलाकों में पांच लोगों की गर्दन कटने से उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है।
मांझा हटाने पर हाथ भी कटा
भजनपुरा स्थित उस्मानपुर पांचवा पुश्ता निवासी 35 वर्षीय विनोद मित्तल (35) उर्फ बब्लू रविवार सुबह बड़े भाई के साथ बाइक से जा रहे थे। पुश्ता रोड के पास मांझे से विनोद का गला कट गया। हाथ से मांझा हटाने की कोशिश की तो हाथ भी कट गया। बड़े भाई ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
इलाज के बाद छुट्टी मिली
तीसरी घटना यमुनापार के गांधी नगर थाना इलाके की है। गांधी नगर में रहने वाले 37 वर्षीय अख्तर हुसैन मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी मांझे की चपेट में आने से उनका गला कट गया। इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद छुट्टी मिल गई है।
पांच टांके लगाने पड़े
खजूरी इलाके में समयपुर बादली निवासी सुभाष पत्नी राजेश देवी के साथ बाइक से जा रहे थे। खजूरी फ्लाईओवर पर मांझे से उनका गला कट गया। वह सड़क पर गिरते-गिरते बचे। पत्नी ने उन्हें पुलिस की मदद से जग प्रवेश चंद अस्पताल में भर्ती कराया। गले पर पांच टांके आए हैं।
भाई ने अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई
आदर्श नगर में सोमवार दोपहर को चीनी मांझे से गला कटने से बाइक सवार भजनपुरा निवासी 40 वर्षीय विनोद घायल हो गए। बाइक पर साथ बैठे भाई ने अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई। हादसा आजादपुर फ्लाईओवर के पास हुआ।
पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया
गीता कॉलोनी में चौहान बांगर निवासी रजा नोएडा से बाइक से घर लौट रहे थे। गीता कॉलोनी पुश्ता रोड पर मांझा से गला कट गया। राहगीरों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने उन्हें जख्मी हालत में लोक नायक अस्पताल में भर्ती करवाया है।
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