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आज से संभालेंगे LG मनोज पांडे देश के नए सेना प्रमुख का कार्यभार, लेंगे जनरल एमएम नरवणे की जगह

Renuka Sahu
30 April 2022 2:29 AM GMT
आज से संभालेंगे LG मनोज पांडे देश के नए सेना प्रमुख का कार्यभार,  लेंगे जनरल एमएम नरवणे की जगह
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फाइल फोटो 

भारतीय सेना के पराक्रमी और अनुभवी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे आज देश के नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय सेना के पराक्रमी और अनुभवी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lieutenant General Manoj Pande) आज देश के नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं. वह देश के 29वें थल सेना प्रमुख होंगे. इससे पहले भारतीय सेना (indian army) में इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कल शुक्रवार को कोर ऑफ इंजीनियर्स की ओर से नामित थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को परिधान सौंपे. चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (Chief Of Army Staff) के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले मनोज पांडे कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे.

भारतीय सेना में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सेना की इंजीनियर कोर के किसी अधिकारी को थलसेना की कमान सौंपी जा रही है. इससे पहले 28 बार पैदल सेना, तोपखाना और बख्तरबंद रेजिमेंट के अधिकारी ही 13 लाख कर्मियों वाली भारतीय थल सेना के मुखिया बनते रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं. उनके सेना प्रमुख बनाए जाने का ऐलान 18 अप्रैल को किया गया था.
अब तक थल सेना की पूर्वी कमान की अगुवाई कर रहे थे पांडे
एलजी मनोज पांडे जनरल एमएम नरवणे के आज 30 अप्रैल (शनिवार) को रिटायर होने के बाद उनका स्थान लेंगे. इसी साल एक फरवरी को थल सेना के उप-प्रमुख बनने से पहले मनोज पांडे थल सेना की पूर्वी कमान की अगुवाई कर रहे थे. इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा की जिम्मेदारी है.
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे भारतीय सेना की कमान ऐसे समय में संभाल रहे हैं, जब सरकार कई सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) के एकीकरण को लेकर ध्यान केंद्रित कर रही है. एलजी पांडे अपने करियर के दौरान अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख के तौर पर भी सेवा दे चुके हैं.
'ऑपरेशन पराक्रम' में भी काम करने का अनुभव
मनोज पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (nda) के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में नियुक्त किया गया था. उन्होंने अपने शानदार करियर में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दीं और कई इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों में हिस्सा भी लिया.
उनके पास जम्मू-कश्मीर में 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभालने का अनुभव है. साथ ही उन्हें पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभाल चुके है. यही नहीं वह इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी काम कर चुके हैं. पांडे सेना मुख्यालय में सैन्य संचालन निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक और दक्षिणी कमान के मुख्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं.
एलजी मनोज पांडे को सेना में शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक और थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है.
बेटे और बहु भी वायुसेना में पायलट
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे का ताल्लुक नागपुर से हैं. उनके बचपन के मित्र दिलीप अठावले ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडे के पिता चंद्रशेखर जी पांडे नागपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थे. उनकी मां प्रेमा पांडे ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर थीं. प्रेमा पांडे नियमित रूप से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम मधु मालती की प्रस्तोता थीं.
जबकि लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे की पत्नी अर्चना पांडे डेंटिस्ट हैं. उनका पुत्र और पुत्रवधू दोनों भारतीय वायु सेना में पायलट हैं.
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