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एनसीआर नॉएडा में भू-माफिया दिन-रात अवैध रूप से कॉलोनी बसाने में व्यस्त
एनसीआर नॉएडा: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी जिस जमीन पर भविष्य का शहर ग्रेटर नोएडा फेस-2 बसाने की तैयारी कर रही है, उस जमीन पर कॉलोनाईजर दिन-रात अवैध रूप से कॉलोनी बसाने में लगे हुए हैं। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से फेस-2 एरिया के गांवों में लगाए गए चेतावनी बोर्डों पर इन कॉलोनाइजरों ने काली स्याही पोत दी है। जिससे कॉलोनी में प्लॉट लेने आने वाले लोग अथॉरिटी के लगाए गए चेतावनी बोर्ड पढ़ न सकें। कॉलोनाईजर किसानों से दो साल के एग्रीमेंट पर जमीन खरीद लेते हैं। फिर उस पर कॉलोनी बसा रहे हैं।
कॉलोनाईजर एक तरफ भोल-भाले किसानों को जालसाजी का शिकार बना रहे हैं तो दूसरी ओर आम आदमी को अपने झांसे में लेकर छोटे-छोट प्लॉट आसान किस्तों में उपलब्ध कराने में लगे हैं। कॉलोनी में रहने वालों लोगों की सुरक्षा के लिए ऊंची बाउंड्रीवॉल करके देने का झांसा देते हैं लेकिन हकीकत में अवैध निर्माण को छिपाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इस अवैध कॉलोनी में बिजली, सड़क और मीठा पानी समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावा करते हैं।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के फेस-1 एरिया में अब कम ही जमीन बची है, जिस पर इंडस्ट्री या अन्य सेक्टर विकसित किए जा सकें। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की योजना अब ग्रेटर नोएडा फेस-2 एरिया में है। फेस-2 एरिया में ही दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन और जीटी रोड हैं। बोडाकी और दादरी रेलवे स्टेशन के बीच के एरिया में लॉजेस्टिक हब और टासपोर्ट हब के लिए अथॉरिटी ने सीधे किसानों से जमीन खरीद ली है। ग्रेटर नोएडा फेस-2 के लिए अथॉरिटी परी चौक से सीधे जारचा तक 105 मीटर चौड़ा रोड बना रही है। इस रोड के लिए अथॉरिटी ने जमीन खरीद ली है।
फेस-2 विकसित करने की भनक कॉलोनाईजरों को लगी है। इस बात का फायदा उठाते हुए कॉलोनाईजर फेस-2 एरिया के गांव धूूम मानिकपुर, कुडीखेडा, महावड, बंबावड, दुजाना, बादलपुर, डेरीन, बील अकबरपुर, गढी, कठैहरा, चिटेहरा, बढपुरा समेत दर्जनों गांवों में कॉलोनी बसाई जा रही है। जबकि इन गांवों में अथॉरिटी की ओर से बाकायदा अधिसूचित एरिया के बोर्ड लगाए हुए हैं। कॉलोनाईजरों ने अथॉरिटी की ओर से लगाए गए बोर्डाें पर काली स्याही पोत दी है। जिससे कॉलोनी में प्लॉट लेने आने वाले लोग इन बोर्ड पर अथॉरिटी की चेतावनी को पढ़ नहीं सकें।