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देश के पीएम मोदी के द्वारा रविवार को नए संसद भवन को देश के लोगों को सौपा गया। हालंकि इस संसद भवन के उद्घाटन से पहले विपक्ष की पार्टियों के द्वारा इसके उद्घटान पीएम मोदी से करवाए जाने को लेकर जमकर विरोध किया गया। विपक्ष की 20 से अधिक पार्टियां इसके उद्घटान समारोह में नहीं शामिल हुई। ऐसे में आज का यह पल देश के लोगों के लिए काफी गौरवांवित करने वाला पल था। पीएम मोदी के द्वारा आज 75 रुपए का सिक्का भी जारी किया गया। इसके साथ ही एक विशेष स्मारक डाक टिकट को भी जारी किया गया। बीजेपी सरकार में बनी यह संसद भवन कई मायने में पुरानी संसद के इमारत से अलग है। ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं कि संसद का नया भवन बनाने में कितना समय लगा, साथ ही कितनी लागत आई और पुराने भवन से यह कितना अलग और बड़ा है।
यह है नए संसद भवन की खासियत
अगर इस संसद भवन के निर्माण करने वाली कंपनी की हम बात करें तो इसको टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के द्वारा बनाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक नए संसद भवन के अंदर एक बहुत ही सुंदर संविधान हाल बना हुआ है। संसद के सदस्यों के लिए लाउज, लाइब्रेरी, कई तरह की कमेटी रूम, कैफे, डाइनिंग एरिया और पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। वहीं अगर इसके डिजाइन की बात करें तो इसको एचसीपी जो गुजरात की कंपनी है उसके द्वारा बनाया गया है। इस नए संसद भवन को बनाने के लिए सरकार ने 1200 करोड़ रूपये खर्च किए हैं।
इतने सदस्य बैठ सकते हैं
इस नए संसद भवन में लोकसभा के 888 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। वहीं राज्य सभा के 384 सदस्य आराम से इसके अंदर बैठ सकते हैं। ऐसे में अगर देखा जाए तो दोनों ही सदनों को मिलाकर कुल 1280 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। इसकी आधारशिला पीएम मोदी के द्वारा साल 2020 में रखा गया था। इसको बनने में 3 साल से भी कम समय लगा है।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।