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अब केंद्र के ऑर्डिनेंस पर भारी पड़ेगी ‘विपक्षी एकता’
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | केंद्र के अध्यादेश के विरोध में बिहार सरकार, बंगाल सरकार, उद्धव ठाकरे की पार्टी के बाद, अब राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी यानी NCP के अध्यक्ष शरद पवार ने भी दिल्ली सरकार का साथ देने का फैसला किया है। केंद्र के साथ अधिकारों की लड़ाई में केजरीवाल सरकार का पक्ष मजबूत होता नजर आ रहा है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाया कि 23 मई, 2015 से लेकर मई 2023 तक दिल्ली सरकार ने कोर्ट के चक्कर काटे हैं और 8 साल बाद, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ ने 5-0 से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और पोस्टिंग और ट्रांस्फर के अधिकार जनता द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार को दे दिए, लेकिन 19 मई को ऑर्डिनेंस लाकर, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया।
आप सरकार केंद्र के इस ऑर्डिनेंस को राज्यसभा में पास ना करने के लिए विपक्ष से समर्थन जुटाने में लग गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल कहना है कि ये केवल दिल्ली की लड़ाई नहीं हैं। NCP अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात के बाद, सीएम बोले “राज्यसभा में किसी भी पार्टी की स्पष्ट बहूमत नहीं हैं। अगर नॉन बीजोपी सारी पार्टियां इकट्ठी होती हैं, तो ये बिल गिर सकता है।”
NCP अध्यक्ष शरद पवार ने आश्वासन दिया है कि वो दिल्ली सरकार के साथ है और इस बिल को राज्यासभा में पास नहीं देंगे। सीएम केजरीवाल ने शरद पवार का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली के लोगों के खिलाफ़ मोदी सरकार द्वारा लाया गया काला अध्यादेश हम सबको मिलकर संसद में रोकना है। इस विषय पर आज मुंबई में एनसीपी के वरिष्ठ नेता श्री शरद पवार साहब से मुलाक़ात हुई। एनसीपी और पवार साहब राज्यसभा में दिल्ली के लोगों का साथ देंगे। दिल्ली के लोगों की तरफ़ से मैं एनसीपी और श्री पवार साहब का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। लोकतंत्र को बचाने की ये लड़ाई हम मिलकर लड़ेंगे।”
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