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दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलो से कारोबारियों में बढ़ी बेचैनी, कारोबारियों में 2 साल बाद फिरसे भय का माहौल
दिल्ली न्यूज़: कोरेाना के बढ़ते मामलों के बाद दिल्ली के व्यापारियों और कारोबारियों में फिर से बेचैनी बढऩे लगी है। दो साल के नुकसान से उबरने के दौर की उम्मीद लगाए व्यापारियों को मामलों के बढऩे के बाद आशंका है कि अगर पाबंदियां लगीं तो व्यापार फिर प्रभावित हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में शनिवार को 461 मामले आए और संक्रमण दर बढ़कर पांच प्रतिशत से अधिक गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों पर समीक्षा के लिए बुधवार, 20 अप्रैल को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक तय है। लाजपत नगर मार्केट एसोसिएशन पदाधिकारी सुनील कुमार बेताला मानते हैं कि बाजार आने वाले ग्राहकों को मास्क पहनना चाहिए। उन्होने कहा कि किसी प्रकार की पाबंदी से पहले व्यापारियों को सतर्क होना चाहिए और मास्क, दूरी के नियम का पालन शुरू कर देना चाहिए। नेशनल दिल्ली ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने ङ्क्षचंता व्यक्त की कि कोरोना मामलों में वृद्धि से कामकाज प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, मुश्किलों के साथ चीजें ठीक हो रही हैं और अगर ऐसा दोबारा होता है तो आप जानते हैं कि अर्थव्यवस्था, व्यापार, देश और व्यापारियों के लिए वास्तव में बुरा होगा। सभी सावधानियां बरतनी चाहिए और कोरोना नियमों का पालन करना चाहिए। सरकार को भीड़ पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, न कि दुकान खोलने पर। शादियों के सीजन में प्रतिबंध के डर से सभी व्यापारी आशंकित जरूर हैं।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष मनप्रीत ङ्क्षसह ने कहा कि कारोबार पर किसी भी तरह की पाबंदी का बहुत बुरा असर होगा। हम अभी भी कोरेाना और अब युक्रेन-रूस युद्ध से जूझ रहे हैं। सब्जियों, रिफाइंड तेल, मीट और अन्य चीजों की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं। उद्योग को बहुत नुकसान हो रहा है और फिर से प्रतिबंध लगाया जाना काफी नुकसानदायक होगा। एक पब मालिक ने भी कहा कि प्रतिबंधों से बेहतर है सावधानी पर सरकार पहल करे और जनता को भी इसका ध्यान रखना चाहिए। वहीं आज कई व्यापारिक संगठनों ने बैठक कर अपनी अपनी राय रखी जिसमें अधिकांश ने पाबंदी न लगाने का आग्रह किया।