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दिल्ली में कोरोना फिर डराने लगा, मरीज की सीटी वैल्यू 25 से कम हुई तो होगी जिनोम सिक्वेंसिंग, जानिए क्या है यह प्रोसेस

Renuka Sahu
15 April 2022 2:33 AM GMT
दिल्ली में कोरोना फिर डराने लगा, मरीज की सीटी वैल्यू 25 से कम हुई तो होगी जिनोम सिक्वेंसिंग, जानिए क्या है यह प्रोसेस
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फाइल फोटो 

राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के लिए कौन सा वेरिएंट है, उसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नए कोविड मामलों की जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के लिए कौन सा वेरिएंट है, उसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नए कोविड मामलों की जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी है। दिल्ली में कोविड के आने वाले नए मामलों में जिस मरीज की सीटी वैल्यू 25 या उससे कम होगी उन सभी का सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने एक बैठक में सभी जिले के सर्विलांस अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दिया है। बताते चलें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 2.49 फीसदी तक पहुंच गई है। दरअसल, कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। कोविड संक्रमण को लेकर बीते मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सभी जिला सर्विलांस अधिकारियों के साथ बैठक की है।
बैठक में कोविड के वर्तमान संक्रमण की स्थिति, जांच व होम आइसोलेशन के मरीजों को लेकर चर्चा की गई। कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वायरस का वेरिएंट क्या है उसका पता लगाने के लिए 25 से कम सीटी वैल्यू वाले कोविड मरीजों की जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजने का निर्देश दिया है। बता दें कि जिस मरीज की आरटीपीसीआर जांच में सीटी वैल्यू 25 से कम आती है उसमें वायरल लोड ज्यादा होता है उसे गंभीर मरीज माना जाता है।
कोविड जांच बढ़ेगी
कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी जिले को अपने यहां कोविड जांच बढ़ाने का निर्देश दिया है। बुधवार को दिल्ली में 12 हजार से अधिक जांच हुई थी जिसमें 2.49 फीसदी लोग संक्रमित मिले थे। अब स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली भर में 25 हजार से अधिक जांच करने का लक्ष्य दिया है।
मार्च तक दिल्ली में आ रहे सिर्फ ओमिक्रोन के मामले
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में जनवरी से मार्च तक सिर्फ ओमिक्रोन के कोविड मरीज आ रहे थे। इस दौरान कुल 671 कोविड मरीजों का सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। उसमें 578 सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग के बाद 97 फीसदी मरीजों में ओमिक्रोन मिला था जबकि दो फीसदी में डेल्टा और एक फीसदी में अन्य वायरस मिला था। सिर्फ मार्च की बात करें तो 442 सैंपल की जिनोम सिक्वेसिंग की गई तो उसमें सभी 100 फीसदी में ओमिक्रोन मिला था।
क्या है सीटी वैल्यू
सीटी (साइकिल थ्रेशोल्ड) वैल्यू एक नंबर होता है। आईसीएमआर ने कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए ये संख्या 35 निर्धारित किया है, यानी 35 साइकिल के अंदर वायरस मिल जाता है तो आप कोरोना पॉजिटिव होंगे। 35 साइकल तक वायरस न मिले तो आप निगेटिव हैं। दरअसल कोविड जांच के लिए आरटी-पीसीआर यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन जांच की जाती है। कोरोना एक आरएनए वायरस है। टेस्ट के लिए आरएनए मरीज के लार से निकाला जाता है।
आरटी-पीसीआर जांच से पहले इस आरएनए को आर्टिफिश्यिल तरीके से डीएनए में बदला जाता है। फिर इस डीएनए में चेन रिएक्शन कार्रवाई जाती है, यानी कॉपी बनाई जाती है। इस प्रक्रिया के जरिए पहले एक कॉपी से दो कॉपी बनेगी, फिर दो से चार और ऐसे बनती रहेगी, जबतक कि वायरस ना मिल जाए। अगर किसी में आठ से 10 चरण में ही वायरस मिल जाता है तो उसे वायरल लोड ज्यादा माना जाता है वह गंभीर श्रेणी में आता है। कई लोगों में 8 या 10 साइकिल के बाद ही वायरस मिल जाता है, कई में 30 या 32 साइकिल में मिलता है।
बीते कुछ दिनों में जांच संक्रमण दर मरीज
तारीख कोविड जांच संक्रमण दर मरीज
14 अप्रैल
13 अप्रैल 12,022 2.49 299
11 अप्रैल 5,079 2.70 137
10 अप्रैल 10,939 1.29 141
09 अप्रैल 10,312 1.55 160


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