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विपक्ष को एक जुट करने का शुरू करेंगे मोर्चा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर से ये साबित कर दिया है कि देश में सुशासन नहीं, बल्कि तानाशाही चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सिविल सर्वेंट्स के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार को मिले और ये साफ हो गया कि इसमें केंद्र या दिल्ली के उपराज्यापल की मनमानी नहीं चलेगी। हालांकि, अब केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया है। केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर ट्रांसफर और पोस्टिंग के सारे अधिकार एक बार फिर से दिल्ली के LG वीके सक्सेना को दे दिए हैं।
अब ये जंग दिल्ली सरकार बनाम LG की नहीं, बल्कि, सुप्रीम कोर्ट बनाम केंद्र सरकार के बीच है। अब केजरीवाल सरकार के साथ हो रही नाइंसाफी पर विपक्ष एक जुट होता नजर आ रहा है।
रविवार को दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल से बिहार के CM नीतीश कुमार ने मुलाकात की। विपक्षी पार्टी भी केंद्र सरकार की इस तानाशाही पर पीएम मोदी पर निशाना साध रही है। इस बिल को अब असंविधानिक करार दिया गया है। CM केजरीवाल का कहना है कि “Supreme Court की संवैधानिक पीठ ने 5-0 से दिल्ली सरकार को सारी शक्तियां दी थी जिसे 8 दिन बाद केंद्र ने अध्यादेश लाकर पलट दिया, ये संविधान के ख़िलाफ़ है। नीतीश कुमार जी दिल्ली की जनता के साथ खड़े हैं और इस अन्याय में केंद्र के ख़िलाफ़ मिलकर लड़ेंगे। अगर केंद्र इस Ordinance को Bill के रूप में लाता है और सभी गैर-BJP दल एक साथ आ जाएं तो इस बिल को Rajya Sabha में हराया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो ये Semi-Final होगा और 2024 में ये संदेश जाएगा कि BJP की सरकार जा रही है।”
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