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जेएनयू हिंसा पर यूनिवर्सिटी से केंद्र ने मांगी रिपोर्ट, छात्रसंघ ने की न्यायिक जांच की मांग
Renuka Sahu
13 April 2022 2:37 AM GMT
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फाइल फोटो
रामनवमी पर छात्रों के दो समूहों के बीच हुई झड़प के मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगी है, वहीं यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने मामले में किसी हाई कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश की अगुवाई वाले आयोग से स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रामनवमी (Ramanavami) पर छात्रों के दो समूहों के बीच हुई झड़प के मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(Jawaharlal Nehru University) से रिपोर्ट मांगी है, वहीं यूनिवर्सिटी(University) के छात्र संघ (JNU Student Union) ने मामले में किसी हाई कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश की अगुवाई वाले आयोग से स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने की मांग की है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कावेरी छात्रावास में रविवार को वामपंथी छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से संबद्ध दो समूहों के बीच मेस में रामनवमी पर कथित तौर पर मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर झड़प हो गई थी. पुलिस के अनुसार इस झड़प में 20 छात्र घायल हो गये थे.
जेएनयू शिक्षक संघ ने भी मंगलवार को एक बयान जारी किया, रजिस्ट्रार की ओर से जारी बयान में घटना पर चिंता व्यक्त की गई और बयान में कहा गया कि घटना को "सांप्रदायिक रंग" दिया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष और जेएनयू के पूर्व कुलपति जगदीश कुमार (Jagdish Kumar) ने कहा कि यूनिवर्सिटी परिसरों में किसी भी प्रकार की हिंसा से बचा जाना चाहिए.
कुलपति से नहीं मिल पाया जेएनयू प्रतिनिधिमंडल
जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल यूनिवर्सिटी की कुलपति शांतिश्री धूलीपुडी पंडित से मिलने पहुंचा लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी. सुरक्षा अधिकारियों ने कुलपति से मुलाकात के लिए औपचारिक अनुरोध कर समय मांगने को कहा. प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि यूनिवर्सिटी 11 अप्रैल को जारी बयान वापस ले जिसमें उसने कहा कि जब कुछ छात्रों ने रविवार को राम नवमी के मौके पर शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हवन का विरोध किया तो हिंसा भड़क गयी.
कावेरी छात्रावास के मेस में मांसाहारी खाने पर रोक की एकपक्षीय मांग के बाद हिंसा की शुरुआत का दावा करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि छात्रावास समिति और मेस समिति के संबंधित सदस्यों ने इसकी पुष्टि की है.
जेएनयू प्रशासन ने एबीवीपी के बयान का किया समर्थन
जेएनयूएसयू के एक बयान के अनुसार, हालांकि मांसाहारी भोजन परोसने पर रोक लगाने की मांग करने वाले और हिंसक तरीके से मेस का कामकाज बाधित करने वाले एबीवीसी से जुड़े इन्हीं छात्रों ने छात्रावास परिसर में हवन को बाधित किये जाने की खबरें फैलाना शुरू कर दिया. इस दावे का छात्रावास या मेस समिति किसी ने समर्थन नहीं किया है.कहा कि जेएनयू प्रशासन के सोमवार को जारी प्रेस बयान में एबीवीपी के बयान का बिना किसी आधिकारिक जांच पड़ताल के समर्थन करना अत्यंत शर्मनाक है.
छात्रसंघ ने की तत्काल कार्रवाई की मांग
इसमें कहा गया, एक पक्ष का इस तरह भेदभावपूर्ण समर्थन यूनिवर्सिटी प्रशासन को शोभा नहीं देता और इसलिए हम मांग करते हैं कि जेएनयू प्रशासन द्वारा 11 अप्रैल को जारी प्रेस बयान का तत्काल खंडन किया जाए. छात्रसंघ ने मांग की कि जेएनयू प्रशासन इस मुद्दे पर फौरन कार्रवाई करे और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष रुख अख्तियार करे.
अफजल को रामनवमी पर मीट न भेजने को आया था फोन
इस बीच पिछले 25-30 साल से जेएनयू के छात्रावास के मेस के लिए मीट की आपूर्ति कर रहे अफजल अहमद ने दावा किया कि उन्हें रविवार सुबह फोन आया था और कहा गया कि राम नवमी के मौके पर कावेरी छात्रावास में मांस नहीं भेजना है.
अहमद ने कहा, 10 अप्रैल को सुबह मुझे जेएनयू के कुछ छात्रों का फोन आया जिसमें मुझसे कावेरी छात्रावास में मीट की आपूर्ति नहीं करने को कहा गया. मैंने उन्हें बताया कि मुझे 9 अप्रैल को ऑर्डर मिला था. उन्होंने कहा, लेकिन उन्होंने मुझे धमकाया कि अगर मैं छात्रावास में मीट की आपूर्ति करुंगा तो वे जेएनयू के अन्य छात्रावासों में आपूर्ति नहीं होने देंगे. मैंने उनसे कहा कि मैं आकर बात करुंगा.
क्या है मामला और क्यों बढ़ा विवाद
सोमवार को दोनों छात्र गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. वहीं जेएनयू के अधिकारियों ने दावा किया कि छात्रों के बीच संघर्ष उस समय हुआ जब कुछ छात्रों ने हवन का विरोध किया. ऐसा ही आरोप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध एबीवीपी ने लगाया है. हालांकि वाम समर्थित छात्र संगठनों की अगुवाई वाले जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के सदस्यों ने मेस में मांसाहारी भोजन परोसे जाने का विरोध करते हुए छात्रों पर हमला किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालात शांत होने पर पुलिस पीड़ितों के बयान दर्ज करेगी.
जेएनयू की घटना के खिलाफ जामिया के बाहर छात्रों ने किया प्रदर्शन
जेएनयू की घटना के खिलाफ यहां जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर छात्र संगठनों ने प्रदर्शन किया और कहा कि राम नवमी के नाम पर लोगों पर खाने की पसंद नहीं थोपी जा सकती. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, केवल जेएनयू में ही नहीं बल्कि राम नवमी पर गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी हिंसा हुई. आप लोगों पर थोप नहीं सकते कि उन्हें क्या खाना चाहिए.
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