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जिलो में सीटों पर वोट शेयर में फासला जमीं-आसमां का
डेकेश्वर ठाकुर गरियाबंद। छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल संसदीय सीट के अन्तर्गत तीन जिलो की आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें महासमुंद जिले में चार,और क्रमश:दो-दो गरियाबंद व धमतरी में है। धमतरी जिले का एक अन्य विधानसभा क्षेत्र सिहावा -नगरी परिसीमन के तहत् कांकेर लोकसभा क्षेत्र में होने के कारण यहां से परे माना गया हैं,प्रदेश के …
डेकेश्वर ठाकुर
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल संसदीय सीट के अन्तर्गत तीन जिलो की आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें महासमुंद जिले में चार,और क्रमश:दो-दो गरियाबंद व धमतरी में है। धमतरी जिले का एक अन्य विधानसभा क्षेत्र सिहावा -नगरी परिसीमन के तहत् कांकेर लोकसभा क्षेत्र में होने के कारण यहां से परे माना गया हैं,प्रदेश के 2023 के चुनाव परिणामों पर गौर करे तो महासमुंद जिले के चार विस सीटों भाजपा 2 कांग्रेस 2, गरियाबंद जिले में भाजपा 1 कांग्रेस, 1 धमतरी जिले में भाजपा 1 कांग्रेस पर जीत के साथ सीटों के लिहाज से मुकाबला फिफ्टी -फिफ्टी का रहा लेकिन वोट कलेक्शन के मामले पर दोनों ही पार्टियों के मध्य फर्क जमीं -आसमां का रहा आठो विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस ने6,97,392 वोट बटोर कर भाजपा के 6,87,909 वोट के मुकाबले 9483 वोटो की बढ़त मे रही। इसमें अहम भागीदारी महासमुंद जिले की थी जिले में कांग्रेस 26,062 आगे थी इसके विपरीत गरियाबंद व धमतरी जिले में भाजपा क्रमशः 11,095 और 5484 वोटो की बढ़त ले कांग्रेस को महासमुंद से मिले निर्णायक बढ़त को 9483 में समेट दिया।
महासमुंद की बड़ी लीड़ ने मजबूत की जिले के दावेदारो की स्थिति
महासमुंद मौजूदा भाजपा सांसद चुन्नीलाल साहू का गृह जिला हैं यहाँ से मिली बड़ी लीड़ से कांग्रेस के टिकट के दावेदार नेता व समर्थक बेहद उत्साहित और आशांवित हो दावे कर रहे़ं कि आसन्न चुनाव में पार्टी की टिकट उनके ही जिले के किसी नेता को ही मिलेगी इन्ही संभावनाओं के चलते पूर्व संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर पूर्व संसदीय सचिव,खल्लारी विधायक द्वारकाधीश यादव, सहित युवा कांग्रेस, जिला कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विभिन्न पदो पर कार्य करते हुए अपनी जमीनी गतिविधियों की अमिट छाप छोड़ने वाले तेज-तर्रार नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री अमरजीत चावला की चुनावी सक्रियता चर्चे में होने के साथ 2019 के चुनाव में 90511वोटों से पराजित होने वाले पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के अलावा दो पूर्व मुख्यमंत्रियों (स्व.अजीत जोगी , स्व.श्यामाचरण शुक्ल) के बाद हाईप्रोफाइल संसदीय सीट के चुनावी रण में तीसरे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दस्तक की भी संभावना व्यक्त की जा रही हैं इन सबके बावजूद संसदीय सीट के लिए पीसीसी की ओर से नियुक्त समन्वयक राजेश यादव की मौजूदगी में 3 फरवरी को महासमुंद डीसीसी की बैठक के दौरान वहां के नेताओं - कार्यकर्ताओं ने समवेत स्वर में स्थानीय प्रत्याशी को ही टिकट देने की मांग कर प्रत्याशी चयन में जुटे दिग्गज रणनीतिकारों को चौका दिये, बहरहाल महासमुंद जिले के कांग्रेस जनो की भावनाओं को पार्टी द्वारा कितना तवज्जो दिया जाता हैं यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
गरियाबंद से 25 से 35 हजार से लीड का भाजपा का दावा
बीते विधानसभा चुनाव में गरियाबंद जिले से 11,095 वोटो के मार्जिन के साथ हाईप्रोफाइल विधानसभा राजिम में मिली फतह से उत्साहित भाजपा आसन्न चुनाव में 25 से 35 हजार बढ़त दिलाने का दावा कर रहे उनके दावो के पीछे दलीलो में
गरियाबंद जिले में बदहाल कांग्रेस संगठन और विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के एक जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा स्थानीय बनाम बाहरी के मुद्दे पर दोनों ही राजिम व विंद्रानवागढ़ के पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ प्रतिकुल माहौल बनाने वाला बातचीत का वायरल आडियो क्लिप गिनाये जा रहे हैं जो काबिले गौर हैं। बता दे कि यह आडियो क्लिप इतना असरदार रहा कि 2018 में रिकॉर्ड वोटो से जीतने वाले पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल को राजिम में मुँह की खानी पड़ी तो वहीं विंद्रानवागढ़ से कांग्रेस के जनक राम ध्रुव की नैया बमुश्किल पार लगी थी। जिले से भाजपा प्रमुख दावेदारों में पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, सिरकट्टी आश्रम के संत गोवर्धन शरण महराज, जिला भाजपाध्यक्ष राजेश साहू के नाम चर्चे में हैं तो कांग्रेस से अमितेश शुक्ल स्वयं के लिए अन्यथा की स्थिति में अपने पुत्रों में से किसी एक को टिकट दिलवाने हेतु प्रयासरत् बताये जा रहे हैं।
सियासी बाजीगर शाह के रुख पर भी है लोगों की निगाहें
विंद्रानवागढ़ क्षेत्र के दो दफे के पूर्व विधायक कुमार ओंकार शाह भले ही आज जिले की सियासी चर्चाओं से परे है लेकिन जिले की राजनीति में उनके रुतबे और वजूद को नकारा नही जा सकता राज परिवार से ताल्लुकात रखने वाले पूर्व सांसद स्व.त्रिलोक शाह(1964) के चिरंजीव शाह की आदिवासी वर्ग में तगड़ी पैठ के साथ जिले की दोनों विधानसभा में दखल किसी से छुपी नहीं है अपनी नाराजगी के चलते 2014 में कांग्रेस के दिग्गज नेता,पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ 2018 के कांग्रेस लहर में विंद्रानवागढ़ विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के पराजय की पटकथा में अहम किरदार निभाने वाले शाह के संबंध में राजनीति के जानकार लोगों का कहना हैं कि 2023 के विधानसभा चुनाव में उनकी तटस्थता पूर्ण साकारात्मक रुख के चलते ही कांग्रेस दशको बाद भाजपा के अभेद्य किले के रुप में स्थापित विंद्रानवागढ़ पर फतह पाने में सफल रही।बहरहाल कांग्रेस से नाराज चल रहे शाह रुख भी जिले में आसन्न लोकसभा चुनाव की दशा - दिशा तय करने में अहम पहलू होगा।
धमतरी जिले से पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का नाम सुर्खियों में
भाजपा की टिकट को लेकर सर्वाधिक सुर्खियों में रहने वाला नाम प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री व कुरुद विधायक अजय चंद्राकर का हैं, वैसे तो जिला मुख्यालय और धमतरी विधानसभा से स्थानीय स्तर भी कुछ नामों पर चर्चा का दौर जारी है लेकिन वें धमतरी सीट कांग्रेस के कब्जे मे होने के कारण उतने असरदार -प्रभावी नजर नही आ रहे हैं।बता दे कि कुरुद से भाजपा 8090 वोटो से जीती तो धमतरी से 2606 से हारी इस तरह जिले से भाजपा 5484 वोटो की बढ़त बनाये रखने में कामयाब रही।