Breaking News

छत्तीसगढ़ पुलिस मवेशी तस्करों पर कसेगी नकेल

11 Feb 2024 5:32 AM GMT
छत्तीसगढ़ पुलिस मवेशी तस्करों पर कसेगी नकेल
x

राजनांदगांव। बागनदी के आरक्षक शिवचरण मंडावी पर मवेशी से लदे वाहन को चढ़ाने से हुई मौत की घटना को लेकर एसपी मोहित गर्ग बेहद गुस्से में है। अब वह सीधे राजनांदगांव से लेकर महाराष्ट्र तक फैले मवेशी तस्करों के तंत्र को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। बताया जा रहा …

राजनांदगांव। बागनदी के आरक्षक शिवचरण मंडावी पर मवेशी से लदे वाहन को चढ़ाने से हुई मौत की घटना को लेकर एसपी मोहित गर्ग बेहद गुस्से में है। अब वह सीधे राजनांदगांव से लेकर महाराष्ट्र तक फैले मवेशी तस्करों के तंत्र को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि एसपी ने इस घटना को व्यक्तिगत तरीके से लिया है। वह चाहते हैं कि तस्करों के हौसले को न सिर्फ नेस्तनाबूत किया जाए, बल्कि इस गोरखधंधे की जड़ों को सामूल नष्ट किया जाए। बताया जा रहा है कि तस्करों का एक बड़ा गिरोह छत्तीसगढ़ के कुछ बड़े शहरों तक जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ से मवेशियों की बड़ी खेप जिले के नेशनल हाईवे के अलावा भीतरी रास्तों से महाराष्ट्र तक पहुंचती है। राजनंादगांव के अलावा रायपुर, दुर्ग, खैरागढ़, बालोद, धमतरी तक तस्करों ने एजेंट नियुक्त कर रखे हैं। इन एजेंटों के बदौलत तस्करों को मवेशियों की आपूर्ति होती है।

बताया जा रहा है कि एसपी जिले में फैले तंत्र के हर सख्स को की पहचान कर रहे हैं। उन्होंने सायबर टीम के अलावा सभी थाना प्रभारियों को शिवचरण मंडावी की हिट एंड रन के चलते हुई मौत के बाद सीधे तौर पर तस्करों पर नकेल कसने के लिए चेतावनी दी है। ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते एसपी गर्ग ने बताया कि आरक्षक की मौत की घटना को कतई हल्के में नहीं लिया जा सकता। तस्करों के जाल का सफाया करना पुलिस ने प्राथमिकता में शामिल किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने हिट एंड रन के आरोपियों की थाना में जबर्दस्त खैर-खबर ली है। उनके जरिये पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। माफियाओं को घेरने के लिए पुलिस अलग-अलग ठिकानों में दबिश देने निकल पड़ी है।

सूत्रों का कहना है कि तस्कर मालवाहक और कंटेनर व ट्रक सहित अन्य बंद वाहनों से मवेशियों को नागपुर स्थित कट्टीपार ले जाया जाता है। मवेशी तस्करी के लिए तस्कर आउटर रास्तों राजधानी रायपुर से अंदर की सडक़ों से छुरिया के रास्ते जंगल से होते हुए बागनदी स्थित एक ढ़ाबा के पास पहुंचते हैं। यहां से देवरी होते हुए अंदर के रास्ते नागपुर तक मवेशियों की सप्लाई करते हैं। देवरी के बाद लाखनी में बैठे तस्कर मवेशियों को खुफिया रास्तों से नागपुर ले जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि नागपुर के मुख्य तस्कर लाखनी और छत्तीसगढ़ के कोचियों से संपर्क करते हैं और मवेशियों की तस्करी का पूरा खेल खेला जाता है। यहां के कोचियों को नागपुर के तस्करों द्वारा 8 से 10 हजार रुपए प्रति मवेशी की कीमत में पशु पालकों से मवेशी खरीदी कर 25 हजार रुपए में बेचने का ऑफर दिया जाता है। प्रति मवेशी खरीदी से डबल मुनाफा होने की वजह से यहां के कोचिये पशु पालकों से मवेशी खरीदी कर तस्करों तक पहुंचाते हैं।

    Next Story