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राइस मिलरों की बड़ी लापरवाही, सरकार को हो रहा करोड़ों का नुकसान
महासमुंद। जिले में राइस मिलरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां वर्ष 22-23 के कस्टम मिलिंग का 9500 मैट्रिक टन चावल जिले के 32 राइस मिलरों ने समय अवधि में जमा नहीं किए. इससे शासन को करोड़ों रुयपों की क्षति हुई. विपणन विभाग मात्र नोटिस पर नोटिस जारी कर शासन के आदेश का इंतजार कर रहा है। महासमुंद जिले में वर्ष 22-23 में कस्टम मिलिंग के लिए 177 राइस मिलरों का पंजीयन किया गया था, जिन्हें 7 लाख 94 हजार मैट्रिक टन धान दिया गया था. राइस मिलरों को इसके एवज में 1 क्विंटल अरवा धान के बदले 67 किलो चावल व 01 क्विंटल उसना धान के बदले 68 किलो चावल जमा करना था।
32 राइस मिलरों ने समय सीमा 30 नवंबर को समाप्त होने के बावजूद आज तक 9500 मैट्रिक टन चावल जमा नहीं किया। नियमानुसार तय समय सीमा के अंदर राइस मिलरों को चावल जमा करना अनिवार्य होता है. चावल जमा नहीं करने पर प्रशासन उन पर उचित कार्यवाही करने के साथ उनका पंजीयन नए सत्र के कस्टम मिलिंग के लिए नहीं करता है पर समय सीमा समाप्त होने के बाद भी विपणन विभाग के आला अधिकारी अभी तक मात्र नोटिस ही जारी करने की बात कह रहे हैं. यही कारण है कि वर्ष 23-24 के कस्टम मिलिंग मे प्रशासन को दिक्कत आ रही है और धान समितियों मे डंप पड़ा है और समितियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले मे वर्ष 23-24 के लिए 01 नवंबर से अभी तक 252784 मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है और 116000 मैट्रिक टन धान का कस्टम मिलिंग हो पाई है. शेष 136784 मैट्रिक टन धान अभी भी धान उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमान में पड़ा है।