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क्या है क्रेडिट कार्ड पर TCS 20% का नियम, क्यों पड़ेगा जेब पर भारी

suraj
19 May 2023 7:05 AM GMT
क्या है क्रेडिट कार्ड पर TCS 20% का नियम, क्यों पड़ेगा जेब पर भारी
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सरकार ने हाल ही में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट रूल्स, 2000 के नियम 7 को खत्म कर दिया है. इसकी वजह से विदेशी मुद्रा में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर 1 जुलाई 2023 से 20 प्रतिशत TCS लगेगा. यानी अगर आप विदेशी मुद्रा में क्रेडिट कार्ड के जरिए लेन-देन करते हैं तो आपको इसके लिए ज्यादा भुगतान करना होगा. इसमें आपको छोटे लेन-देन पर भी ज्यादा भुगतान करना होगा.
क्या है नियम 7?
फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (करेंट अकाउंट ट्रांजैक्शन्स) रूल्स, 2000 के नियम 7 को दो दशक पहले पेश किया गया था. इसका मकसद विदेशी मुद्रा में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ाना था. बता दें कि लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश में कोई भी व्यक्ति 2.5 लाख डॉलर प्रति व्यक्ति तक खर्च कर सकता है. इसमें स्टडी, मेडिकल और इन्वेस्टमेंट शामिल है.
TCS का आप पर क्या पड़ेगा असर?
TCS का असर उस व्यक्ति पर भी पड़ेगा जो भारत में है लेकिन किसी विदेशी वेबसाइट या विदेशी मुद्रा में अपने क्रेडिट कार्ड पर खर्च कर रहा है तो उसपर भी 20 प्रतिशत TCS लगेगा. इसके अलावा जब आप विदेश जाकर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उसपर भी आपको 20 प्रतिशत TCS देना होगा.
विदेशी शिक्षा/विदेश में स्टडी पर लगने वाली TCS दर (TCS on Foreign Education from July 1) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वित्त मंत्रालय द्वारा 18 मई को जारी एक स्पष्टीकरण के मुताबिक 1 जुलाई से विदेश में अध्ययन के लिए भेजे जाने वाले धन पर पुरानी टीसीएस दर लागू रहेगी. TCS रेट और छूट की सीमा का डिटेल इस तरह है:
1 जुलाई से शिक्षा के लिए धन पर लगने वाली टीसीएस दरें:
1. अगर आप किसी बैंक से एजुकेशन लोन की मदद से विदेश में पढ़ाई के लिए रेमिटेंस कर रहे हैं, तो 7 लाख रुपये तक कोई टीसीएस लागू नहीं होगा. 1 जुलाई, 2023 से 7 लाख रुपये से अधिक के रेमिटेंस पर टीसीएस की दर सिर्फ 0.5% होगी. पहले भी यही दर और सीमा लागू थी.
2. अगर आप बिना बैंक से कर्ज लिए विदेश में पढ़ाई के लिए रेमिटेंस कर रहे हैं तो 7 लाख रुपये तक कोई टीसीएस लागू नहीं होगा. 1 जुलाई, 2023 से 7 लाख रुपये से अधिक के रेमिटेंस पर टीसीएस की दर 5% होग. यही दर और सीमा पहले भी लागू थी.
इस बीच, सरकार ने विदेशी टूर पैकेज बुक करने और बांड, शेयर, रियल एस्टेट, उपहार आदि खरीदने के उद्देश्य से लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत लगाई गई टीसीएस दर में बदलाव किया गया है. हालांकि मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए टीसीएस दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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