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बैंकों की सुस्ती का फायदा उठा रहे, बैंक की जगह कर्ज के लिए अब P2P लेंडिंग का बढ़ रहा है क्रेज

Renuka Sahu
25 Oct 2021 4:19 AM GMT
बैंकों की सुस्ती का फायदा उठा रहे, बैंक की जगह कर्ज के लिए अब P2P लेंडिंग का बढ़ रहा है क्रेज
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फाइल फोटो 

P2P लेंडिंग या पीयर-टू-पीयर लेंडिंग का नाम तो आपने सुना ही होगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। P2P लेंडिंग या पीयर-टू-पीयर लेंडिंग का नाम तो आपने सुना ही होगा. यह लेंडिंग का एक ऐसा मैकेनिज्म है, जिसमें कर्ज देने वाला और कर्ज लेने वाला, दोनों एक प्लैटफॉर्म पर आते हैं और दोनों के बीच ट्रांजैक्शन होते हैं. बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की तरफ से कर्ज बांटने में आनाकानी के कारण बॉरोअर्स अब P2P लेंडिंग की तरफ रुख कर रहे हैं.

तमाम तरह के सेविंग स्कीम्स पर इंट्रेस्ट रेट काफी घट गए हैं. इसी के कारण सरप्लस फंड वाले रिच इन्वेस्टर्स तेजी से इस तरफ रुख कर रहे हैं. इस लेंडिंग में उनको सालाना आधार पर 10-18 फीसदी का रिटर्न मिलता है. वहीं, सेविंग के परंपरागत साधनों में अधिकतम 5-7 फीसदी का रिटर्न मिलता है. अभी दर्जनों ऐसे प्लैटफॉर्म हैं, जहां यह सुविधा उपलब्ध है. यहां लेंडर्स इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें बाजार के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है. वहीं, बॉरोअर्स को आसानी से लोन मिल जाता है. कई बार उन्हें बैंक के मुकाबले सस्ता लोन भी मिलता है और यह पूरी तह अन सिक्यॉर्ड भी होता है.
अभी देश में 20 P2P लेंडिंग प्लैटफॉर्म्स हैं
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 20 P2P लेंडिंग प्लैटफॉर्म्स हैं. इनका टोटल आउटस्टैंडिंग लोन बुक करीब 5 हजार करोड़ रुपए का है. सबसे खास बात ये है कि इनका रेग्युलेशन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. Faircent के फाउंडर और सीईओ रजत गांधी ने कहा कि हम अपने प्लैटफॉर्म की मदद से हर महीने 130 करोड़ का लोन बांटते हैं. पिछले एक साल में हमारा कारोबार 30 गुना बढ़ा है. हमारा टोटल लोन बुक अमाउंट 2000 करोड़ रुपए का है.
इतना रिटर्न फिलहाल दूसरे असेट क्लास में नहीं
एक अन्य पी-टू-पी प्लैटफॉर्म, I-lend के फाउंडर वी शंकर ने कहा कि वर्तमान में ऐसा कोई असेट नहीं है जो सालाना आधार पर 14-16 फीसदी का रिटर्न देता हो. अब फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स और वेल्थ मैनेजर्स अपने क्लाइंट को यह सुझाव भी देते हैं कि वे पी-टू-पी लेंडिंग में निवेश करें. हालांकि, यह पोर्टफोलियो का अधिकतम 10 फीसदी होना चाहिए.
बैंकों ने लोन बांटने की रफ्तार सुस्त कर दी है
बॉरोअर्स की बात करें तो उनके लिए यहां लोन मिलना ज्यादा आसान है. दरअसल असेट क्वॉलिटी को ध्यान में रखते हुए बैंक और NBFCs ने पर्सनल लोन बांटना कम कर दिया है. ऐसे में बॉरोअर्स के लिए यहां लोन मिलना ज्यादा आसान हो गया है. इस प्लैटफॉर्म पर लोन का औसत आकार 50-70 हजार के बीच होता है. लोन की अवधि औसतन 12 महीने की होती है और इंट्रेस्ट रेट 10-18 फीसदी के बीच होता है.


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