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इंडोको रेमेडीज कंपनी के 7% उछले शेयर, आगे भी तेजी का है रूझान

Admin Delhi 1
24 Nov 2022 1:08 PM GMT
इंडोको रेमेडीज कंपनी के 7% उछले शेयर, आगे भी तेजी का है रूझान
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मुंबई: फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंडोको रेमेडीज (Indoco Remedies) के शेयरों में आज जमकर खरीदारी हुई। मार्जिन में सुधार के बेहतर आसार को देखते हुए इसे लेकर निवेशकों का रूझान बढ़ा। इसके चलते आज 24 नवंबर को इंट्रा-डे में यह 7 फीसदी से अधिक मजबूत होकर 423 रुपये के भाव पर पहुंच गया। यह आठ महीने का ऊंचा स्तर है। पिछले एक हफ्ते में यह 17 फीसदी मजबूत हुआ है जबकि इस दौरान सेंसेक्स में महज 0.35 फीसदी का उछाल रहा। इससे पहले 3 जनवरी 2022 को कंपनी के शेयरों ने 459.20 रुपये के भाव (Indoco Remedies Share Price) पर एक साल का रिकॉर्ड ऊंचा स्तर छू लिया था। एक्सपर्ट्स को आगे भी तेजी का रूझान दिख रहा है।

जुलाई-सितंबर 2022 में कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 12 फीसदी के उछाल के साथ 433 करोड़ रुपये पहुंच गया। EBITDA भी 1.7 फीसदी बढ़कर 88 करोड़ रुपये हो गया। मार्जिन 20.3 फीसदी रहा। नेट प्रॉफिट 19 फीसदी की तेजी के साथ 49.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी के बेहतर प्रदर्शन और मार्जिन में सुधार के चलते शेयरों में तेजी दिख रही है।

ऐसे में घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इसे खरीदने की सलाह दी है और 465 रुपये का टारगेट प्राइस फिक्स किया है। यह मौजूदा भाव से 12 फीसदी अपसाइड है। आज इसके शेयर बीएसई पर 415.70 रुपये के भाव (Indoco Remedies Share Price) पर बंद हुए हैं। ब्रोकरेज फर्म ने घरेलू स्तर पर मजबूत कारोबार, दमदार निर्यात के साथ-साथ मार्जिन में सुधार के चलते खरीदारी की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक गोवा प्लांट 2 और तीन के लिए अमेरिका दवा नियामक की चेतावनी वापस लिए जाने और ब्रिटिश दवा नियामक से क्लियरेंस मिलने पर एक्सपोर्ट फॉर्म्यूलेशंस के लिए ऑपरेटिंग लीवरेज में सुधार होने के आसार हैं। इसके अलावा घरेलू स्तर पर पॉजिटिव स्थिति दिख रही है।

कंपनी के बारे में डिटेल्स: इंडोको ब्रांडेड फॉर्म्यूलेशंस और एपीआई बनाती है और इसे बेचती है। इसके प्रोडक्ट्स की बिक्री न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया भर में होती है। डोमेस्टिक फॉर्म्यूलेशंस में कंपनी नौ मार्केटिंग डिविजन के जरिए कई प्रकार की स्पेशियलिटीज मुहैया कराती है। घरेलू फॉर्म्यूलेशंस का कंपनी के रेवेन्यू में 54 फीसदी हिस्सेदारी है। फॉर्म्यूलेशंस एक्सपोर्ट की रेवेन्यू में 41 फीसदी और एपीआई की 4 फीसदी की हिस्सेदारी है और शेष रेवेन्यू CRAMS (कांट्रैक्ट रिसर्च एंड मैन्यूफैक्चरिंग सर्विसेज) से आता है।

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