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सऊदी अरब: दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी का मुनाफा 2.75 लाख करोड़ घटा

Gulabi
21 March 2021 3:42 PM GMT
सऊदी अरब: दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी का मुनाफा 2.75 लाख करोड़ घटा
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सऊदी अरब

कोरोना काल में पूरे विश्व में तेल की डिमांड गिर गई थी जिसके कारण कच्चे तेल का भाव 15 डॉलर के मिनिमम स्तर को छू गया था. पिछले कुछ महीनों में इसमें तेजी आई है और यह 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बना हुआ है. 2020 में तेल की मांग में आई वैश्विक कमी के कारण दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी का मुनाफा काफी घट गया. सऊदी अरामको का मुनाफा 2020 में भारी गिरावट के साथ 49 अरब डॉलर रह गया.

साल 2019 में अरामको का कुल मुनाफा 88.2 अरब डॉलर था. उससे पहले 2018 में कंपनी को 111.10 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था. साल 2020 में कंपनी के नेट प्रॉफिट में 44.4 फीसदी की गिरावट आई है. 2019 के मुकाबले कंपनी के प्रॉफिट में 39.20 अरब डॉलर (करीब 2.75 लाख करोड़) की गिरावट आई है. कंपनी ने 75 बिलियन डॉलर का डिविडेंड जारी किया है. आमदनी में कटौती के कारण कंपनी में खर्च में भी कटौती का फैसला किया है. खर्च को अब 45 अरब डॉलर से घटाकर 35 अरब डॉलर कर दिया गया है.
दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है सऊदी
कंपनी को उम्मीद है कि अब फिर से तेल की डिमांड में तेजी आएगी. कंपनी के सीईओ आमिन नसीर ने कहा कि वर्तमान इतिहास में कंपनी के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है. सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है. पिछले साल एक तरफ तेल की मांग घट रही थी जिसके कारण ना सिर्फ प्रोडक्शन में कटौती हो रहा था, बल्कि कीमत में भी लगातार गिरावट आ रही थी.
फिर से बढ़ने लगे हैं मामले
AFP के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में फिर से कोरोना के मामले बढ़े हैं. ऐसे में संभव है कि ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती आए और फिर से तेल की मांग में गिरावट दर्ज की जाए. तेल की कीमत में तेजी लाने के लिए OPEC देश प्रोडक्शन बढ़ाने का नाम नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि भारत ने धीरे-धीरे सऊदी और अन्य ओपेक देशों पर निर्भरता कम करने का फैसला किया. सऊदी की जगह अमेरिका भारत के लिए दूसरा सबसे निर्यातक बन गया है.


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