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आरबीआई ने किया फैसला, सरकारी से प्राइवेट हुए इन खाताधारकों को मिलगा फायदा

Apurva Srivastav
10 March 2021 4:21 PM GMT
आरबीआई ने किया फैसला, सरकारी से प्राइवेट हुए इन खाताधारकों को मिलगा फायदा
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अगर आपका खाता सरकारी से प्राइवेट हुए आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) तो यह खबर आप जरूर पढ़ लें

अगर आपका खाता सरकारी से प्राइवेट हुए आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) तो यह खबर आप जरूर पढ़ लें. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को लगभग चार साल के अंतराल के बाद IDBI बैंक को 'प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन' (PCA) फ्रेमवर्क से हटा दिया है. बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार आने के बाद आरबीआई ने फैसला किया है. बता दें कि वित्तीय स्थिति बिगड़ने की वजह से आरबीआई (RBI) ने मई 2017 में IDBI बैंक को PCA फ्रेमवर्क में डाल दिया था. मार्च 2017 में बैंक का एनपीए (NPA) 13 फीसदी से ज्यादा हो गया था.

आईडीबीआई बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा 18 फरवरी, 2021 को हुई बैठक में वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) द्वारा की गई थी. आरबीआई ने कहा, यह नोट किया गया कि 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त तिमाही के नतीजों के मुताबिक, बैंक ने रेग्युलेटरी कैपिटल, नेट एनपीए और लीवरेज रेश्यो पर पीसीए मापदंडों के उल्लंघन में नहीं किया है.
बैंक कारोबार करते हुए कई बार वित्तीय संकट में फंस जाते हैं. इनको संकट से उबारने को आरबीआई समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता है और फ्रेमवर्क बनाता है. 'प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन' इसी तरह का फ्रेमवर्क है, जो किसी बैंक की वित्तीय सेहत का पैमाना तय करता है. यह फ्रेमवर्क समय-समय पर हुए बदलावों के साथ दिसंबर, 2002 से चल रहा है.

करीब 4 साल बाद PCA फ्रेमवर्क से बाहर आया बैंक
बैंक ने एक लिखित में कहा है कि वह निरंतर आधार पर मिनिमम रेग्युलेटरी कैपिटल, नेट एनपीए और लीवरेज रेश्यो के मानदंडों का अनुपालन करेगा. RBI ने कहा, उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि आईडीबीआई बैंक लिमिटेड को कुछ शर्तों और निरंतर निगरानी के अधीन, पीसीए ढांचे से बाहर किया जाए.
तीसरी तिमाही में मुनाफे में आया बैंक
वित्त वर्ष 2020-21 की दिसंबर तिमाही में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के स्वामित्व वाली आईडीबीआई बैंक का नेट प्रॉफिट 378 करोड़ रुपए रहा. इंट्रेस्ट इनकम में अच्छी बढ़ोतरी से बैंक का मुनाफा बढ़ा. पिछले साल समान अवधि में बैंक को 5,763 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था.
नेट इंट्रेस्ट इनकम 18 फीसदी बढ़कर 1810 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल समान अवधि में 1532 करोड़ रुपए थी. तीसरी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए रेश्यो 28.72 फीसदी से गिरकर 23.52 फीसदी हो गई.


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