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RBI ने बैंकों के लॉकर नियमों में किया बदलाव, चोरी, धोखाधड़ी हुई तो बैंक देगा मुआवजा, 1 जनवरी, 2022 से होंगे लागू
Renuka Sahu
19 Aug 2021 2:50 AM GMT
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फाइल फोटो
बैंकों के लॉकर में अगर आप अपनी बेशकीमती और जरूरी चीजें रखते हैं तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लीजिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बैंकों के लॉकर में अगर आप अपनी बेशकीमती और जरूरी चीजें रखते हैं तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लीजिए. रिजर्व बैंक (RBI) ने लॉकर को लेकर नियमों में बदलाव किया है. इन बदलावों का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो लॉकर्स का इस्तेमाल करते हैं. RBI के नए नियम अगले साल यानी 1 जनवरी, 2022 से लागू हो जाएंगे. चलिए आपको बताते हैं कि क्या हैं ये नए नियम और उनका आप पर क्या असर पड़ने वाला है.
1. बैंकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी
RBI की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंकों को अपने बोर्ड से मंजूर ऐसी नीति को लागू करना होगा जिसमें लापरवाही की वजह से लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके. नियम के मुताबिक प्राकृतिक आपदा या 'एक्ट ऑफ गॉड' यानी भूकंप, बाढ़, आसमानी बिजली, आंधी-तूफान के मामले में बैंक किसी नुकसान के लिए जिम्मेदारी नहीं होगा.
2. चोरी, धोखाधड़ी हुई तो बैंक देगा मुआवजा
लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बैंक अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त है. बैंकों को अपने परिसर को इस तरह की आपदाओं से बचाने के लिए उचित इंतजाम सुनिश्चित करना होगा. इसके अलावा जिस परिसर में सुरक्षित जमा लॉकर हैं, उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक की ही होगी. रिजर्व बैंक के नए नियम के तहत आग, चोरी, इमारत ढहने या बैंक कर्मचारियों के ओर से किए गए धोखाधड़ी के मामले में बैंकों की देनदारी उसके वार्षिक किराए के 100 गुना तक सीमित होगी.
3. पेमेंट नहीं किया तो लॉकर खोला जा सकता है
अगर ग्राहक की ओर से लगातार तीन सालों तक लॉकर के लिए किराए का भुगतान नहीं किया गया है तो बैंक इस पर एक्शन ले सकता है और उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए किसी भी लॉकर को खोल सकता है.
4. गैर-कानूनी सामान नहीं रख सकते
इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक के नए नियमों के मुताबिक, बैंकों को लॉकर करार में एक प्रावधान शामिल करना होगा, जिसके तहत लॉकर किराये पर लेने वाला ग्राहक लॉकर में किसी भी तरह का गैरकानूनी या खतरनाक सामान नहीं रख सकेगा.
5. वेटिंग लिस्ट का नंबर जारी होगा
रिजर्व बैंक के नए नियम के मुताबिक, बैंकों के लिए लॉकर ऑपरेशंस का एसएमएस (SMS) और ईमेल (e-mail) कस्टमर्स को भेजना जरूरी होगा. बैंकों को लॉकर आवंटन के सभी आवेदनों के लिए रसीद देनी होगी. अगर लॉकर उपलब्ध नहीं है, तो बैंकों को उपभोक्ताओं को वेटिंग लिस्ट का नंबर देना होगा. बैंकों के ब्रांच वाइज लॉकर अलॉटमेंट की जानकारी और वेटिंग लिस्ट कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) से जोड़ा जाएगा या साइबर सिक्योरिटी ढांचे के कंप्लायंस वाली किसी दूसरे कंप्यूटराइज्ड सिस्टम में डालना होगा.
6. इन ग्राहकों को भी मिलेगी सुविधा
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंक के मौजूदा ग्राहक जिन्होंने लॉकर सुविधा के लिए आवेदन किया है और जो सीडीडी (Customer Due Diligence) मानदंडों का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं, उन्हें सेफ डिपॉजिट लॉकर/सेफ कस्टडी आर्टिकल की सुविधा दी जा सकती है. नए नियम के मुताबिक, जिन ग्राहकों का बैंक के साथ कोई दूसरा बैंकिंग रिलेशन नहीं है, उन्हें सेफ डिपॉजिट लॉकर/सेफ कस्टडी आर्टिकल की सुविधा दी जा सकती है.
7. लॉकर की शिफ्टिंग के लिए नए नियम
बैंक ग्राहक को सूचना देने के बाद ही लॉकर की शिफ्टिंग एक जगह से दूसरी जगह कर सकेंगे. लॉकर के किराए के रूप में टर्म डिपॉजिट का इस्तेमाल किया जा सकता है. स्ट्रॉन्ग रूम/वॉल्ट की सुरक्षा के लिए बैंक को पर्याप्त कदम उठाने होंगे. एंट्री और एग्जिट का सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) कम से कम 180 दिन रखना जरूरी होगा.
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