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हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
Apurva Srivastav
11 April 2021 6:11 PM GMT
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कई बार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी बेचने के लिए तमाम दावे करती है.
कोरोना काल में खुद को एवं परिवार को बीमारियों के चंगुल से बचाकर रखना एक बड़ी जिम्मेदारी है. साथ ही इस पर होने वाले खर्च की व्यवस्था करना भी एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में अगर आप सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) चुनते हैं तो मेडिकल पर होने वाले इन खर्चों से बचा जा सकता है. मगर सवाल आता है कि आखिर कौन-सी हेल्थ पॉलिसीज ली जाए. क्योंकि इन दिनों मार्केट में कई अलग-अलग कंपनियां पॉलिसी पर खूब ऑफर दे रही हैं. ऐसे में इंश्योरेंस लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
किन बीमारियों पर मिलेगा कवरेज
इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि इसमें किन—किन बीमारियों को कवर किया गा है. इसके लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम की लिस्ट चेक करें. उदाहरण के तौर पर इसमें डेंटल सर्जरी, प्रेग्नेंसी या इस दौरान होने वाली समस्याएं, कैंसर या अन्य कोई बीमारी आदि में क्लेम मिलेगा या नहीं. इसके अलावा इसमें गंभीर बीमारियों जैसे— कोरोना आदि को शामिल किया गया है या नहीं. ये सब देखने के बाद ही पॉलिसी लें.
कंपनी का चेक करें क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
कई बार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी बेचने के लिए तमाम दावे करती है. मगर जब क्लेम लेने की बारी आती है तो वे कई तरह की शर्तें बताने लगते हैं. जिसके चलते बहुत से लाभार्थी क्लेम का लाभ नहीं ले पाते हैं. इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जरूर चेक कर लें. इससे आपको पता चलेगा कंपनी ने इलाज के खर्चे का अब तक कितने लोगों को पेमेंट किया है. अगर कंपनी क्लेम ज्यादा लोगों को देती है तो इसका मतलब है कि पॉलिसी बेचने वाली कंपनी सही है.
पेमेंट प्रक्रिया को करें चेक
कई बार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी क्लेम सेटलमेंट के वक्त पैसा तो देती है मगर इसमें काफी वक्त लगाती है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर आपको तुरंत लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए पेमेंट प्रक्रिया को चेक कर लें कि इसमें कैशलेस अप्रूवल है या नहीं. साथ ही अस्पताल या आईसीयू में भर्ती होने पर कितनी लिमिट तक पेमेंट होती है. कोशिश करें कि ऐसे इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनें जो आपके अस्पताल में भर्ती होने पर आपके पूरे इलाज को कवर करती हो. सिर्फ प्रीमियम सस्ता देख कर पॉलिसी न खरीदें.
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