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सरकार अगले सप्ताह स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर कर सकती है ऐलान, जानिए क्या होगा खास
Apurva Srivastav
16 March 2021 3:00 PM GMT
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सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब हर राज्य में मॉडल व्हीकल फिटनेस सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रहा है
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब हर राज्य में मॉडल व्हीकल फिटनेस सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रहा है. इससे आगामी स्क्रैपेज पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में रजिस्टर्ड फिटेनस सेंटर्स खोले जा सकेंगे. एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. इसी साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई स्क्रैपेज पॉलिसी का औपाचारिक ऐलान किया था. इसमें स्क्रैपेज को बढ़ावा देने, पुराने वाहनों के लिए इनसेन्टिव्स को कम करने, स्क्रैपेज व फिटनेस सेंटर्स सेटअप करने को लेकर नीतियां होंगी.
मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को भी इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो हर ज़िले में फिटेनस सेंटर्स बनाए. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अगले सप्ताह तक इस स्कीम का ऐलान किया जा सकता है.
कितनी पुराने वाहनों का होगा फिटनेस टेस्ट
15 साल से अधिक पुराने कॉमर्शियल वाहनों और 20 साल से अधिक व्यक्तिगत वाहनों के फिटनेस की जांच के लिए इन ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर्स का इस्तेमाल किया जाएगा. अगर जांच में कोई वाहन पास होता है तो उसकी लाइफ साइकिल बढ़ाने के लिए एक फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. हालांकि, पुराने वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ा दिया जाएगा. हर एक फिटनेस टेस्ट पर करीब 40,000 रुपये का खर्च आएगा.
राज्यों को इस बात की भी छूट होगी कि वो पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगा सकें. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि वॉलेंटरी रूप से पुराने और अनफिट वाहनों को फेज़ आउट करने के लिए एक पॉलिसी का ऐलान किया जाएगा.
उन्होंने कहा था, 'नई पॉलिसी की मदद से फ्यूल एफिशिएंट, इनवॉयरमेंट फ्रेंडली वाहनों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण तो कम होगा ही, साथ ही आयात बिल का बोझ भी कम होगा. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का कहना है कि वाहनों को स्क्रैप करने के लिए इनसेन्टिव पॉलिसी का भी ऐलान होना चाहिए.
फिटनेस टेस्ट में लगातार 3 बार फेल होने के बाद नहीं होगा रजिस्ट्रेशन
कानून के हिसाब से फिटेनस टेस्ट में फेल हो चुके वाहन को ड्राइव करना अवैध है क्योंकि इसे ररजिस्टर्ड नहीं माना जाता है. बिना फिटेनस टेस्ट के वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया जा सकता है और अगर कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल होता है तो इसका मतलब है कि वह रजिस्टर्ड भी नहीं है. इस पॉलिसी को 1 अप्रैल 2022 से लागू किया जाएगा, जिसमें वाहन मालिकों को अपनी कार एक तय उम्र के बाद स्क्रैप के लिए भेजने पर कुछ पैसे भी मिलेंगे. हालांकि, अगर उनकी कार इस फिटनेस टेस्ट में 3 बार फेल हो जाती है तो उनके पास बहुत विकल्प भी नहीं होंगे.
स्क्रैपेज पॉलिसी के कई फायदे?
20 साल से अधिक पुराने प्राइवेट व कॉमर्शियल वाहनों की संख्या करीब 51 लाख है. इन वाहनों को रोड से हटाने का मतलब होगा कि इनके मालिकों को नये वाहन की जरूरत भी होगी. इस बात भी संभावना होगी कि वो इलेक्ट्रिक वाहन जैसे नई टेक्नोलॉजी को भी अपनाएं. इलेक्ट्रिक वाहन की वजह से प्रदूषण को 25 फीसदी तक कम करने में मदद मिलेगी.
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