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सरकार का 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य, इसके जरिए करें हर महीने मोटी कमाई
Renuka Sahu
13 Oct 2021 4:53 AM GMT
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फाइल फोटो
सरकार देशभर में मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की योजना बना रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार देशभर में मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की योजना बना रही है. रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय ने कहा कि देश में 10 अक्टूबर, 2021 तक जन औषधि केंद्रों (Jan Aushadhi Kendras) की संख्या बढ़कर 8,366 हो गयी है. ये केंद्र देश के 736 जिलों में फैले हैं. आम लोगों पर दवा पर खर्च होने वाले पैसे का बोझ कम पड़े. इसके लिए सरकार आसानी से जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए लोगों को जनऔषधि केंद्र खोलने का अवसर भी दे रही है. अगर आपका भी बिजनेस शुरू करने का प्लान है यह बेहतर मौका साबित हो सकता है. इसके जरिए आप मोटी कमाई कर सकते हैं.
90 फीसदी सस्ती मिलती हैं दवाएं
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. इन केंद्रों पर 1,451 दवाएं और 240 सर्जिकल उत्पाद शामिल हैं. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड औषधियों के मुकाबले 50 से 90 फीसदी कम होती हैं.
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 10 अक्टूबर, 2021 तक बीपीपीआई (ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया) ने 431.65 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री की है. इससे देश के नागरिकों को 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
कैसे खोलें जनऔषधि केंद्र
सरकार की तरफ से जनऔषधि केंद्र शुरू करने का सुनहरा मौका दिया जाता है. आम आदमी भी यह केंद्र खोलकर अच्छी कमाई कर सकता है. साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा करने का भी मौका मिलता है. यह औषधि केंद्र जेनेरिक दवाएं बेचता है और इस केंद्र को खोलने के लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं.
भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत सरकार 2.50 लाख रुपये की आर्थिक मदद करती है जिससे आप आसानी से औषधि केंद्र खोल सकते हैं. यहां यह जानना जरूरी है कि सरकार पूरे 2.50 लाख रुपये एक साथ नहीं देती है बल्कि किस्तों में यह राशि जारी की जाती है. यह पैसा हर महीने इंसेन्टिव के रूप में दिया जाता है.
कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र
सरकार की इस योजना के तहत जनऔषधि केंद्र खोलेने के लिए सबसे पहली शर्त ये है कि अगर कोई व्यक्ति जनऔषधि केंद्र खोलना चाहता है तो उसके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए. अगर वो जनऔषधि केंद्र को खोलकर किसी को रोजगार देना चाहता है तो भी उसके पास ये डिग्री होनी जरूरी है. यानी आवदेन करते समय डिग्री को प्रूफ के तौर पर सबमिट करना अनिवार्य है.
कोई भी व्यक्ति या कारोबारी, अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, और मेडिकल प्रैक्टिशनर PMJAY के तहत औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकता है.
PMJAY के तहत SC, ST एवं दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये तक की दवा एडवांस रकम दी जाती है. प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है.
कैसे होगी कमाई
जनऔषधि केंद्र को 12 महीने की बिक्री का 10 फीसदी अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाता. यह रकम हालांकि अधिकतम 10,000 रुपये हर महीने होती है. उत्तर पूर्वी राज्य, नक्स्ल प्रभावित इलाके, आदिवासी क्षेत्रों में यह इंसेंटिव 15 फीसदी तक हो सकती है.
आपके पास होने चाहिए ये डॉक्यूमेंट्स
अगर आप खुद आवेदन कर रहे हैं तो आपको आधार एवं पैन कार्ड की जरूरत होगी. अगर कोई NGO, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, और मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन करता है तो उसे आधार, पैन, संस्था बनाने का सर्टिफिकेट एवं उसका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आवेदन करते समय देना होगा. इस योजना के तहत औषधि केंद्र खोलने के लिए आपके पास कम से कम 120 वर्गफीट की जगह होनी चाहिए.
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