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खुशखबरी! सरकार ने रोजगार जनरेशन प्रोग्राम को 5 साल के लिए बढ़ाया, 40 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

Renuka Sahu
31 May 2022 5:32 AM GMT
Good News! Government extends employment generation program for 5 years, 40 lakh people will get employment
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फाइल फोटो 

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को साल 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को साल 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है. इसपर कुल 13,554.42 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) मंत्रालय ने कहा कि इस योजना से पांच वित्त वर्षों में 40 लाख लोगों के लिए सतत रोजगार के अवसरों को पैदा करना होगा. इस योजना को 15वें वित्त आयोग की अवधि यानी पांच साल के लिए 2021-22 से 2025-26 तक बढ़ाया गया है. पीएमईजीपी का लक्ष्य देशभर के युवाओं को गैर-कृषि क्षेत्रों में सूक्ष्म उपक्रमों की स्थापना के जरिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है.

इस योजना की समयसीमा बढ़ाने के साथ इसमें कुछ और संशोधन भी किए गए हैं. इसके तहत मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए अधिकतम प्रोजेक्ट कॉस्ट को मौजूदा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया है. वहीं, सर्विस यूनिट्स के लिए इसे 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्र की परिभाषा को बदला
PMEGP में ग्रामोद्योग और ग्रामीण क्षेत्र की परिभाषा को भी बदला गया है. पंचायती राज संस्थानों के तहत आने वाले क्षेत्रों को ग्रामीण क्षेत्र माना जाएगा. नगर निगमों के तहत आने वाले क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र माना जाएगा. सभी क्रियान्वयन एजेंसियों को आवेदन लेने और उनके प्रसंस्करण की अनुमति होगी, बेशक आवेदन ग्रामीण क्षेत्र का हो गया शहरी क्षेत्र का.
आकांक्षी जिलों और ट्रांसजेंडर आवेदकों को विशेष श्रेणी में रखा जाएगा और वे अधिक सब्सिडी पाने के पात्र होंगे.
लोन पर मिलती है सब्सिडी
योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिला, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग जैसे विशेष श्रेणी के आवेदकों को लिए गए कर्ज पर उच्च दर से सब्सिडी मिलती है. कुल लोन पर शहरी क्षेत्रों में प्रोजेक्ट कॉस्ट की 25 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में लागत की 35 फीसदी सब्सिडी मिलती है.
सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए यह सब्सिडी शहरी क्षेत्रों में प्रोजेक्ट कॉस्ट का 15 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह 25 फीसदी है.
अब 64 लाख रोजगार के अवसर हुए पैदा
2008-09 में इसकी स्थापना के बाद से लगभग 7.8 लाख सूक्ष्म उद्यमों को पीएमईजीपी के तहत 19,995 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है. इससे 64 लाख लोगों के लिए अनुमानित स्थायी रोजगार पैदा हुआ है,
सहायता प्राप्त इकाइयों में से लगभग 80 परसेंट ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और लगभग 50 परसेंट एससी, एसटी और महिला श्रेणियों के स्वामित्व में हैं.
प्रधानमंत्री रोजगार जनरेशन प्रोग्राम के तहत सरकार रोजगार शुरू करने के लिए 10 से 25 लाख रुपये तक लोन देती है. ट्रांसजेंडर आवेदकों को स्पेशल कैटेगरी के तहत पहले से अधिक सब्सिडी मिलती है.
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