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स्मार्ट मीटर प्रोग्राम पर लगी रोक, इन राज्यों में अब 1 साल नहीं होगा काम

Apurva Srivastav
25 April 2021 9:34 AM GMT
स्मार्ट मीटर प्रोग्राम पर लगी रोक, इन राज्यों में अब 1 साल नहीं होगा काम
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देश के तकरीबन 25 करोड़ लोगों के लिए यह बड़ी खबर है

देश के तकरीबन 25 करोड़ लोगों के लिए यह बड़ी खबर है. जिन राज्यों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा था, उसे अब 1 एक साल के लिए रोक दिया गया है. कोरोना महामारी की तेजी को देखते हुए इस पर ब्रेक लगाया गया है. मई महीने में हालात और बिगड़ सकते हैं, इस आशंका में स्मार्ट मीटर डेडलाइन को बढ़ा दिया गया है.

केंद्र सरकार की तरफ से एक योजना चलाई जा रही है जिसमें हर घर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी है. कई राज्यों में यह प्रोग्राम चल भी रहा है. इस बीच कोरोना केस में खतरनाक बढ़ोतरी को देखते हुए इस कदम पर ब्रेक लगाया जा रहा है. स्मार्ट मीटर लगाने के काम ईईएसएल कंपनी को मिला है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस कंपनी ने चार राज्यों के साथ मीटर लगाने का करार कर लिया है, लेकिन कोविड को देखते हुए फिलहाल इस पर ब्रेक लग गया है. एनर्जी इफीशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड यानी कि EESL को स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर मिल चुका है लेकिन कोविड का दौर थमते ही यह फाइनल कर दिया जाएगा.
बिजली की चोरी रुकेगी
'सीएनबीसी आवाज' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली चोरी की घटनाएं रोकने और खस्ताहाल डिस्कॉम की माली हालत सुधारने के लिए स्मार्ट मीटर योजना को आगे बढ़ाया गया है. स्मार्ट मीटर योजना को पिछले साल राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया था. इस प्रोग्राम में सरकार ने ऐलान किया था कि देश के हर घर में स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा. सरकार की तरफ से इसकी डेडलाइन 2022 तय थी, लेकिन कोरोना के चलते बिगड़ते हालात को देखते हुए इसे साल भर बढ़ाने का फैसला किया गया है.
ईईसीएल को मिला टेंडर
ईईएसएल कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने का काम दिया गया है. यह कंपनी ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करती है. कंपनी ने मीटर लगाने की पूरी योजना का खाका खींच लिया है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए डेडलाइन आगे बढ़ाई जा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक अभी तक ईईएसएल को 80 लाख स्मार्ट मीटर के ऑर्डर मिले हैं. ईईएसएल को ये ऑर्डर बिहार, यूपी और हरियाणा जैसे राज्यों से मिले हैं. ईईएसएल ने इस साल 30 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा था लेकिन कोरोना के चलते इसमें विलंब हो गया है.
कोरोना से रुका काम
सूत्रों ने 'सीएनबीसी आवाज' को बताया है कि ईईसीएल अभी 'वेट एंड वॉच' की स्थिति में है. जैसे ही कोरोना के केस में नरमी आएगी, स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेज कर दिया जाएगा. गोवा, बंगाल, झारखंड और राजस्थान जैसे राज्यों से भी स्मार्ट मीटर लगाने के ऑर्डर मिल रहे हैं. इन राज्यों से बातचीत लगभग अंतिम दौर में है और समय आते ही मीटर की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. ईईएसएल को लगभग 60 लाख नए स्मार्ट मीटर के ऑर्डर मिल सकते हैं. अभी बिहार, यूपी और हरियाणा से 80 लाख मीटर के ऑर्डर मिले हैं.
25 करोड़ मीटर लगाने की तैयारी
कोरोना की हालत में कमी आते ही यह काम तेज किया जाएगा. सरकार की तरफ से 25 करोड़ मीटर लगाने के लिए नेशनल स्मार्ट मीटर प्रोग्राम का ऐलान किया गया है. पिछली बार की तरह इस बार भी एलएंडटी और एचपीएल जैसी कंपनियों को मीटर लगाने का ठेका मिल सकता है. कुछ राज्यों में स्मार्ट मीटर का काम शुरू भी हो गया है जहां पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मीटर का काम देखा जा रहा है. मीटर की सफलता को देखते हुए इसे देश के हर राज्य में शुरू करने की योजना है और सरकार इस दिशा में काम कर रही है.
बिहार में काम में तेजी
सरकारी कंपनी ईईएसएल का बिहार की दो कंपनियों के साथ करार है जिसके तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. करार के तहत 23.4 लाख मीटर लगाए जाने हैं. ये स्मार्ट मीटर प्रीपेड हैं जिन्हें मोबाइल की तरह रिचार्ज करना होगा. ईईएसएल का साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लि (SBPDCL) और नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) के साथ करार हुआ है. बिहार में बिजली की दिक्कतों को देखते हुए स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेज है. इससे डिस्कॉम को भी अपनी वित्तीय सेहत सुधारने का मौका मिलेगा. स्मार्ट मीटर लगने से डिस्कॉम का सही कलेक्शन होगा जिससे बिजली सप्लाई में मदद मिलेगी. इससे मेंटीनेंस कॉस्ट पर कम होगा. ये मीटर वेब आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम पर काम करेंगे.


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