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नई दिल्ली। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने गुरुवार को बताया कि उसने गुजरात में और 126 मेगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता का संचालन शुरू किया है। इसके साथ ही राज्य में 300 मेगावाट की परियोजना पूरी हो गई है। शेष 174 मेगावाट क्षमता का संचालन पहले ही शुरू हो चुका था। कुल 300 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना में सालाना लगभग 109.1 करोड़ बिजली इकाई का उत्पादन होगा। इससे लगभग आठ लाख टन सीओ2 (कार्बन डाइऑक्साइड) उत्सर्जन से बचा जा सकेगा।
कंपनी ने एक बयान में कहा, "परियोजना के संचालन के साथ, एजीईएल ने देश भर में 9,604 मेगावाट के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का संचालन करते हुए अपने बाजार नेतृत्व को और मजबूत किया है। इसमें कहा गया है, "कंपनी की परिचालन परिसंपत्तियों की रखरखाव और निगरानी इसके क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म 'एनर्जी नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर' (ईएनओसी) द्वारा की जाती है, जो रियल टाइम निगरानी को सक्षम बनाता है और एनालिटिक्स तथा मशीन लर्निंग का लाभ उठाते हुए उद्योग में अग्रणी प्रदर्शन के लिए मानक स्थापित करता है।"
कंपनी के अनुसार, ग्रिड संतुलन के लिए देश के ऊर्जा मिश्रण में पवन ऊर्जा महत्वपूर्ण है। पवन ऊर्जा की पूरक प्रकृति, सौर तथा अन्य स्रोतों के साथ एकीकृत होकर ग्रिड की स्थिरता को मजबूत करती है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, भारत दुनिया में चौथी सबसे अधिक स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता वाला देश है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान ने देश की कुल पवन ऊर्जा क्षमता भूतल से 120 मीटर की ऊँचाई पर 695.5 गीगावॉट और 150 मीटर की ऊँचाई पर 1163.9 गीगावॉट होने का अनुमान लगाया है। एजीईएल यूटिलिटी-स्केल के ग्रिड से जुड़े सौर, पवन और हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों के विकास, स्वामित्व और संचालन में काम करता है। कंपनी का लक्ष्य 21.8 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। वर्तमान में 12 राज्यों में इसकी 9.5 गीगावॉट से अधिक की स्थापित क्षमता ऑपरेशनल है जो देश में सर्वाधिक है।
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