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बांग्लादेश के हालात ठीक नहीं, उपद्रवी तिलक, कंठी और शिखा देखकर कर रहे हमले : राधारमण दास

jantaserishta.com
3 Dec 2024 11:31 AM GMT
बांग्लादेश के हालात ठीक नहीं, उपद्रवी तिलक, कंठी और शिखा देखकर कर रहे हमले : राधारमण दास
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कोलकाता: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के हालत को लेकर कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राधारमण दास ने मंगलवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा कि वहां के हालात ठीक नहीं हैं, असामाजिक तत्व तिलक, कंठी और शिखा देखकर लोगों पर हमले कर रहे हैं।
बांग्‍लादेश पुल‍िस द्वारा ग‍िरफ्तार च‍िन्मय कृष्ण दास के वकील रमन रॉय पर हुए हमले और उनकी हालत को लेकर राधारमण दास ने बताया, पिछले सप्ताह उनके घर पर हमला हुआ था। इनकी हालत गंभीर बनी हुई है और वो आईसीयू में भर्ती हैं। वो जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं। चिन्मय कृष्ण दास को मंगलवार को कोर्ट में पेश क‍िया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि जब उनके वकीलों पर ऐसे हमले होते रहेंगे, तो उनके साथ खड़ा होगा। चिन्मय कृष्ण दास को जेल में जाकर जो दो ब्रह्मचारी दवा और प्रसाद देते थे, उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया है। यह देखने को मिल रहा है कि उनके साथ जो भी खड़ा होने की कोशिश कर रहा है, उसको तंग करने का प्रयास किया जा रहा है। जितने भी वकील उनके साथ खड़े थे, पुलिस द्वारा उनके विरुद्ध भी मामले दर्ज किए गए हैं। यह चिंता और दुख की बात है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर राधारमण दास ने कहा, बांग्लादेश के बहुत सारे भक्त मुझे फोन करते हैं, इससे पता चलता है कि वहां की स्थिति बहुत खतरनाक है। पिछले सप्ताह तिलक लगाए और कंठी किए दो भक्‍त जा रहे थे। कंठी को देखकर कुछ लोगों ने उनको पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने धमकी दी कि अगर इस्कॉन मंदिर जाओगे और तिलक लगाओगे तो जिंदा नहीं रहने देंगे। वहां, पर वो सुरक्षित नहीं हैं। उनको सलाह दिया गया है कि कंठी माला को लंबा करके पहन लीजिए, तिलक को पानी से कीजिए, जिससे वो दिखे नहीं। शिखा है तो टोपी लगाइए। पैंट-शर्ट पहनकर निकलिए, जिससे आपको चिन्हित नहीं किया जा सके।
चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका के लिए हो रही सुनवाई को लेकर उन्होंने रिहाई की आशा जताई। उन्होंने कहा, एक साधु के लिए जेल में रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनको जेल में अपराधियों से खतरा भी हो सकता है। वहां लोग भी बता रहे हैं कि झंडे को लेकर जो मामला दर्ज किया गया, उसको कोई ठोस आधार नहीं है। ऐसे में कोर्ट को उनको जमानत देकर आजाद करना चाहिए।
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