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- फिर तेजी की राह पर...
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में नरमी से आम जनता को फायदा होने की जो संभावना बनी थी वह हवा होती नजर आ रही है। वजह यह है कि पिछले एक हफ्ते से कच्चे तेल की कीमतें फिर से तेजी की राह पर हैं। सोमवार को क्रूड की कीमत थोड़ा कम होकर 97.22 डालर प्रति बैरल पर आई है, लेकिन छह दिन पहले यह 89.59 डालर प्रति बैरल थी। लगातार पांच दिनों तक क्रूड की कीमतों में तेजी आई है।
तेल उत्पादक देशों की तरफ से कच्चे तेल उत्पादन में रोजाना 20 लाख बैरल की कटौती करने के फैसले का भी असर होने की संभावना है। पूर्व की तरह पेट्रोलियम मंत्रालय या सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
एक सरकारी तेल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि मौजूदा अनिश्चितता के माहौल में खुदरा कीमतों को लेकर कोई भी फैसला नहीं हो सकता, खासतौर पर तब जब कई महीनों तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल को लागत से कम कीमत पर बेचकर घाटा उठाया हो। एक पखवाड़े पहले तक पेट्रोल की बिक्री पर तेल कंपनियों को घाटा हो रहा था।
अक्टूबर महीने के पहले आठ दिनों में तेल कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से औसतन 92.05 डालर प्रति बैरल की दर से क्रूड की खरीद की है। इसके एक महीने यानी सितंबर, 2022 में यह औसत कीमत 90.71 डालर की और अगस्त में 97.40 डालर की थी।
दूसरी तरफ घरेलू तेल कंपनियों ने छह अप्रैल, 2022 के बाद से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। तब क्रूड की औसत कीमत 103 डालर प्रति बैरल थी लेकिन उसके बाद जून के महीने में भारतीय कंपनियों ने 117 डॉलर प्रति बैरल की दर से क्रूड की खरीद की।