पीएम मोदी के अमेरिका दौर से भारत के लिए लगातार अच्छी खबरें निकलकर सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में अब इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी फिच की ओर से अच्छी खबर सामने आई है. इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी ने भारत की विकास दर का अनुमान 6 से बढ़ाकर 6.3 कर दिया है. दरअसल भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी चौतरफा देखने को मिल रही है. एक ओर जहां सभी फैक्टरों पर भारत के लिए सकारात्मक खबर आ रही है वहीं दूसरी ओर दुनिया के कई देशों के लिए स्थिति उतनी बेहतर नहीं दिख रही है. ऐसे में फिच के द्वारा भारत की ग्रोथ में बढ़ोतरी के अनुमान का देश को कई स्तरों पर फायदा मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है.
क्या बोली रेटिंग एजेंसी
इस बात की घोषणा करते हुए रेटिंग एजेंसी की ओर से कहा गया है कि भारत की इकोनॉमी व्यापक रूप से मजबूत है. फिच की ओर से कहा गया है कि पहली तिमाही में ये विकास दर 6.1 प्रतिशत रही है. एजेंसी की ओर से ये भी कहा गया है कि अगर कारों की बिक्री के आंकड़े से लेकर पीएमआई तक को देखें तो पता चलता है कि देश ने बेहतर परफॉर्म किया है. ऐेस में हमारी ओर से अपने अनुमान को बढ़ा दिया गया है. जो ग्रोथ रेट हम पहले 6 प्रतिशत का अनुमान लगा रहे थे वो अब 6.3 प्रतिशत तक जा सकती है. इससे पहले फिच मार्च में कमजोर आंकड़ों के कारण ग्रोथ रेट को 6.2 प्रतिशत से 6 कर चुका है.
2025-26 में ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
रेटिंग एजेंसी इस साल के साथ-साथ अगले दो सालों के लिए भी ग्रोथ रेट का अनुमान जाहिर किया है. एजेंसी की ओर से कहा गया है कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी का ये भी कहना है कि जनवरी और मार्च में देश की ग्रोथ रेट अनुमान से ज्यादा रही है. वहीं मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
आखिर क्या होता है इसका फायदा
जानकार कहते हैं कि जब कभी भी जीडीपी की ग्रोथ रेट में इजाफा होता है तो इससे प्रोडक्शन में भी इजाफा होता है. प्रोडक्शन ज्यादा करने के लिए ज्यादा कामगारों की जरूरत होती है यही नहीं सबसे बड़ी बात ये भी है कि अगर कामगार ज्यादा चाहिए होंगे तो नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे. इस प्रकार की तेजी से बाजार की ग्रोथ में भी इजाफा होगा.