अब ट्रंप का क्या होगा?

फिलहाल अमेरिका में सभी की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल

Update: 2023-06-11 18:00 GMT
 जनता से रिश्ता वेबडेस्कट्रंप पर ताजा अभियोग 2021 में राष्ट्रपति छोड़ने के बाद ह्वाइट हाउस से गोपनीय दस्तावेज अपने साथ ले जाने के मामले में लगे हैं। इस तरह उन पर सरकारी गोपनीयता को भंग करने का इल्जाम लगा है। साथ ही उन पर छापा मारने गए एफबीआई अधिकारियों से सहयोग ना करने के मामले में न्याय में बाध डालने का अभियोग भी लगाया गया है। पिछले साल अगस्त में अमेरिका की प्रमुख जांच एजेंसी एफबीआई ने फ्लोरिडा राज्य में ट्रंप के मार-ए-लेगो स्थित निवास पर छापा मारा था और दावा किया था कि उसने वहां से 13 हजार से ज्यादा दस्तावेज जब्त किए हैं।
ट्रंप पर जासूसी कानून के तहत अभियोग लगाया गया है, जिसमें केस साबित होने पर दस साल तक की कैद हो सकती है। इसके अलावा न्याय में बाधा डालने और जांचकर्ताओं से झूठ बोलने का आरोप साबित होने पर भी उन्हें कैद सुनाई जा सकती है।
विधि विशेषज्ञों का कहना है कि जिन आरोपों के तहत ट्रंप पर मुकदमा शुरू किया गया है, उनमें कोई ऐसा नहीं है, जिससे ट्रंप के 2024 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर रोक लगे। ट्रंप उस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की होड़ में उतर चुके हैं और जनमत सर्वेक्षणों में बाकी तमाम प्रत्याशियों से काफी आगे चल रहे हैँ। विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रंप पर मुकदमा कई महीनों तक चलता रहेगा। इस दौरान अपनी राजनीतिक गतिविधियां चलाने के लिए ट्रंप स्वतंत्र होंगे। अमेरिकी संविधान के मुताबिक कोई भी वह व्यक्ति राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकता है, जो 35 वर्ष की उम्र पूरा कर चुका हो और कम से कम 14 साल से अमेरिका में रह रहा हो।
राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि अगर अगले साल नवंबर में होने वाले चुनाव में ट्रंप जीत गए, तो उसके बाद अभियोग पक्ष इस केस को आगे बढ़ाएगा, इसकी संभावना बहुत घट जाएगी। अमेरिका में न्याय मंत्रालय सरकार का हिस्सा है, जबकि राष्ट्रपति सरकार प्रमुख होते हैँ। न्याय मंत्रालय की यह नीति रही है कि वह पद पर मौजूद राष्ट्रपति पर मुकदमा नहीं चलाता है।
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