अमेरिकी प्रतिबंधों का लक्ष्य पुतिन को कमजोर करना

व्हाइट हाउस में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का एलान किया.

Update: 2022-02-25 01:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। व्हाइट हाउस में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का एलान किया. बाइडेन का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने "इस जंग को चुना" है और अब उनके देश को उनकी करनी का फल भुगतना होगा.नए अमेरिकी प्रतिबंधों में रूसी बैंकों, ओलिगार्कों और हाइटेक सेक्टर को निशाना बनाया गया है. बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगी चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति जब्त कर लेंगे, निर्यात पर नियंत्रण लग जाएगा और ओलिगार्क प्रतिबंधित होंगे. नए प्रतिबंधों का एलान पुतिन, उनके करीबियों और रूसी आर्थिक तंत्र को निशाना बनाने की अमेरिका की नीति के तहत ही किया गया है. बाइडेन का कहना है कि नए प्रतिबंध रूस के आर्थिक तंत्र पर प्रहार करेंगे और साथ ही पुतिन के करीबियों को भी. अमेरिकी सरकार का लक्ष्य निर्यात को नियंत्रित कर रूसी उद्योग, सेना और दूसरे हाइटेक सेक्टरों को घुटनों पर लाने का है. यह भी पढ़ेंः रूस पर लगे प्रतिबंध क्या पुतिन को रोक सकेंगे बाइडेन ने कहा है कि उनकी सरकार रूस की डॉलर के साथ ही दूसरी मुद्राओं में कारोबार करने की क्षमता को भी सीमित कर देगी.

उन्होंने वीटीबी सहित रूस के कई और बैंकों को प्रतिबंधित करने का एलान किया है. बाइडेन ने पुतिन और उनकी सरकार को अलग थलग कर देने की बात कही. हालांकि इन प्रतिबंधों में अंतरराष्ट्रीय भुगतान तंत्र स्विफ्ट को शामिल नहीं किया गया है. बाइडेन का कहना है कि जो प्रतिबंध उन्होंने लगाए हैं वो स्विफ्ट से ज्यादा बड़े हैं. माना जा रहा है कि पश्चिमी देशों से बातचीत करने के बाद ही स्विफ्ट पर कोई फैसला होगा. राष्ट्रपति पुतिन पर प्रतिबंध की आंच अमेरिका पुतिन पर प्रतिबंध लगाने के बारे में भी विचार कर रहा है. एक पत्रकार के सवाल पूछने पर बाइडेन ने यह जानकारी दी.
रूस के खिलाफ कार्रवाई में चीन को साथ लेने के सवाल पर बाइडेन ने कहा कि वो इस वक्त इसका जवाब नहीं दे सकते. एक पत्रकार ने यह भी पूछा कि क्या भारत उनकी मुहिम में उनका साथ दे रहा है. बाइडेन का जवाब था, "हमने अभी भारत से इस बारे में बात नहीं की है" बाइडेन ने साफ तौर पर माना है कि प्रतिबंध रूसी हमले का जवाब हैं और "उनका असर यूक्रेन पर हो रहे सैन्य हमले से कहीं ज्यादा होगा" बाइडेन का कहना है कि रूस का "अभियान ज्यादा दिन नहीं चलेगा बशर्ते कि हम प्रतिबंधों पर बने रहें. प्रतिबंधों का असर पूरे देश को लंबे समय तक भुगतना होगा. पुतिन अपने ही देश में बिल्कुल कमजोर पड़ जाएंगे" अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना है कि पुतिन का लक्ष्य यूक्रेन से कहीं ज्यादा बड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन सोवियत संघ को दोबारा खड़ा करना चाहते हैं. बेलारूस पर भी लगे प्रतिबंध अमेरिका ने बेलारुस के रक्षा उद्योग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
इसके साथ ही रक्षा अधिकारी और बेलारूस के नेता लुकाशेंको के करीबियों को भी प्रतिबंधों की आंच झेलनी पड़ेगी. बाइडेन का यह भी कहना है कि इस वक्त दुनिया के ज्यादातर देश उनके साथ हैं और सहयोगी देशों का उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है. रूस के हमले के कारण ऊर्जा संकट के सवाल पर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर के देशों के साथ मिल कर उनके रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व को उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है. बाइडेन का कहना है कि अमेरिका भी अपने रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व से अतिरिक्त बैरल निकालेगा. अमेरिका ने कहा है कि वह यूक्रेन पर रूस के हमले को देखते हुए अतिरिक्त सेना जर्मनी पहुंचा रहा है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक करीब 7000 अमेरिकी सैनिक जो अलर्ट पर थे उन्हें जर्मनी भेजा जाएगा.
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