यूक्रेन का नया दांव, जंग के बीच ईयू का सदस्य बनने के लिए किया आवेदन लेकिन क्या इतनी आसान है प्रक्रिया?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को यूरोपियन यूनियन का सदस्य बनने की एप्लिकेशन पर साइन कर दिया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को यूरोपियन यूनियन (ईयू) का सदस्य बनने की एप्लिकेशन पर साइन कर दिया. उन्होंने ईयू से कहा कि वह जल्द से जल्द यूक्रेन को अपने सदस्य के तौर पर स्वीकार करे. लेकिन ईयू का सदस्य बनने की प्रक्रिया क्या है और इसके क्या फायदे हैं, आइए आपको बताते हैं.
1. अगर किसी देश को ईयू का सदस्य बनना है तो उसे कुछ क्राइटेरिया पूरे करने होते हैं जैसे फ्री मार्केट इकोनॉमी बनाना, ईयू के कानून और यूरो करंसी को अपनाना. इसके बाद एक लंबी प्रक्रिया चलती है. क्रोएशिया, जो ईयू का सबसे नया सदस्य है, उसे जॉइन करने में 10 साल लग गए थे.
2. सभी देशों को यूक्रेन की जॉइनिंग को मंजूरी देनी होगी जो शायद जल्द होना मुमकिन नहीं लगता क्योंकि यूरोपियन यूनियन के प्रेसिडेंट चार्ल्स माइकल ने यूरोन्यूज से कहा था कि यूक्रेन की सदस्यता को लेकर ईयू के भीतर विभिन्न राय और संवेदनशीलता हैं.
3. स्लोवाकिया, स्लोवेनिया और चेक रिपब्लिक के नेताओं ने ईयू से कहा है कि वह एक नया रास्ता तैयार करें ताकि यूक्रेन को जल्द ईयू का सदस्य बनाया जा सके. लेकिन ईयू के नेता अब तक इस पर एक साथ नहीं आ सके हैं. यूरोपियन कमिशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, हम यूक्रेन को ईयू में चाहते हैं लेकिन सदस्यता की प्रक्रिया में वक्त लगेगा.
4. ईयू जॉइन करने से तुरंत यूक्रेन की सेना को मदद मिलेगी क्योंकि ईयू के सदस्य देश एक रक्षा नियम से बंधे हुए हैं, जिसमें अगर कोई देश किसी ईयू सदस्य देश पर हमला करता है तो बाकियों को उसकी मदद करनी होगी.
5. ईयू में आने से यूक्रेन को आर्थिक तौर पर भी फायदा होगा क्योंकि इससे उसे अतिरिक्त फायदे मिलेंगे जैसे यूक्रेन के नागरिक पूरे ईयू में कहीं भी आ जा सकते हैं और उन्हें वह सभी अधिकार मिलेंगे, जो ईयू के सदस्यों को मिलते हैं.
6. अगर ईयू यूक्रेन के आवेदन पर आगे भी बढ़ता है, तब भी फायदा होगा. पूर्व यूरोपीय नेताओं ने अटलांटिक काउंसिल के माध्यम से एक ऑप-एड में इस बात का जिक्र किया कि यह "एक साहसिक और सार्थक राजनीतिक बयान" होगा जिससे मॉस्को को एक संदेश मिलेगा. यूरोपियन काउंसिल 10 और 11 मार्च को एक समिट आयोजित करेगा, जिसमें यूक्रेन की सदस्यता पर चर्चा होगी.