यूक्रेन ने पकड़े गए रूस के पहले सैनिक के खिलाफ शुरू किया मुकदमा, मिल सकती है मौत की सजा

रूस के साथ चल रही भीषण जंग के बीच यूक्रेन ने पकड़े गए रूस के एक सैनिक के खिलाफ युद्ध अपराध का मुकदमा चलाना शुरू कर दिया है.

Update: 2022-05-14 00:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस के साथ चल रही भीषण जंग के बीच यूक्रेन (Ukraine) ने पकड़े गए रूस (Russia) के एक सैनिक के खिलाफ युद्ध अपराध का मुकदमा चलाना शुरू कर दिया है. पकड़े गए रूसी सैनिक का नाम Vadim Shyshimarin है और उसकी उम्र केवल 21 साल है. अगर यूक्रेन की सैनिक उस सैनिक को युद्ध अपराध का दोषी करार देती है तो मृत्युदंड के तहत उस सैनिक को गोली मारकर मौत की सजा तक दी जा सकती है. यह सजा पाने वाला Vadim पहला रूसी सैनिक होगा.

62 साल के नागरिक की हत्या
रूसी सेना की टैंक यूनिट का सैनिक है और सार्जेंट पद पर तैनात था. उस पर आरोप है कि उसने युद्ध के पहले सप्ताह के दौरान Chupakhivka के एक गांव में यूक्रेन (Ukraine) के 62 साल के नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के वक्त वह व्यक्ति फोन पर बात करता हुआ गुजर रहा था, तभी उसे कथित रूप से गोली का शिकार बनाया गया.
कीव की अदालत में किया गया पेश
पकड़े गए रूसी (Russia) सैनिक को शुक्रवार को राजधानी कीव में सोलोमेन्स्की जिला अदालत में पेश किया गया. कांच के छोटे से पिंजरे में बैठे रूसी सैनिक ने नीले और भूरे रंग के कपड़े पहने हुए थे. इसी बीच शिशिमारिन के वकील, विक्टर ओव्स्यानिकोव ने कहा है कि उन्होंने और उनके मुवक्किल ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह इस मामले में अपना बचाव कैसे करेंगे.
ब्रिटेन ने कई वार क्राइम एक्सपर्ट यूक्रेन भेजे
रूस के पकड़े गए पहले सैनिक के खिलाफ पहले ट्रायल पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं. वहीं ब्रिटेन में युद्ध अपराध के मुकदमों में सहायता देने के लिए अपने कई वार क्राइम एक्सपर्ट यूक्रेन (Ukraine) में भेजे हैं. वे सबूत इकट्ठे करने, जांच करने और मुकदमा चलाने में यूक्रेन के वकीलों की मदद करेंगे. ब्रिटेन ने आरोप लगाया है कि रूस ने यूक्रेन में हैवानियत की है और निर्दोष लोगों को बड़े पैमाने पर मारा है.
मोबाइल क्रेमेटोरियम लेकर चल रही रूसी सेना
ब्रिटेन का कहना है कि अपने युद्ध अपराधों को छिपाने के लिए रूसी सेना युद्ध क्षेत्र में मोबाइल क्रेमेटोरियम लेकर चल रही है. इन क्रेमेटोरियम में मारे गए यूक्रेनी (Ukraine) नागरिकों के साथ ही मृत रूसी सैनिकों को भी जलाया जा रहा है. जिससे दुनिया को मारे गए लोगों के बारे में कोई सबूत न मिल सकें.
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