अमेरिका ने म्यांमार में तख्तापलट पर विरोध जताते हुए कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और कारोबारियों पर लगाया प्रतिबंध

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और कारोबारियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।

Update: 2021-02-11 15:47 GMT

अमेरिका ने म्यांमार में तख्तापलट पर विरोध जताते हुए कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और कारोबारियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस बीच म्यांमार में अपदस्थ नेता आंग सान सूकी के निकट सहयोगी क्या टिंट स्वे और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।


गिरफ्तार किए गए क्या टिंट अपदस्थ सरकार में सूकी से जुड़े विभाग के मंत्री थे। उनके अतिरिक्त चार अन्य प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। सेना ने यह कहते हुए तख्तापलट किया था कि नवंबर में देश में हुए चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी और परिणाम झूठे थे। देश में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लगातार छठे दिन प्रदर्शन जारी हैं। राजधानी नेपीता में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने अवज्ञा आंदोलन चलाते हुए सैन्य प्रशासक मंडल जुंटा के खिलाफ नारेबाजी की और सूकी की तस्वीर वाले प्लेकार्ड दिखाए। यांगून में हुई रैली में बुजुर्गो और युवाओं ने विरोध स्वरूप शॉर्ट स्कर्ट पहनकर हिस्सा लिया।


उन्होंने कहा, हम लोकतंत्र की वापसी तक इसी तरह से स्कर्ट पहनेंगे और सैन्य शासन के प्रति विरोध जताएंगे। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यांगून में चीन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। वे सैन्य शासन को दिए जा रहे चीन के समर्थन पर विरोध जता रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चीनी और अंग्रेजी भाषा में लिखे प्लेकार्ड हाथ में ले रखे थे। उनमें लिखा था- म्यांमार का समर्थन करो-तानाशाहों का नहीं। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका, रूस, फ्रांस के दूतावासों और संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के समक्ष भी प्रदर्शन किया। फ्रांस के राजदूत कार्यालय से बाहर आकर प्रदर्शनकारियों से मिले और लोकतंत्र के प्रति अपने देश का समर्थन जताया। जापान और कुछ अन्य देशों में भी म्यांमार सैन्य सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं।
म्यांमार को फायदा पहुंचाने वाले कारोबारों पर रोक

अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को म्यांमार पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। साथ ही सेना के अफसरों को सत्ता से हटने और राजनीतिक नेताओं को रिहा करने के लिए कहा। बाइडन ने कहा कि म्यांमार को फायदा पहुंचाने वाले सभी तरह के कारोबार को हम तत्काल प्रभाव से रोक रहे हैं। साथ ही म्यांमार को मिलने वाली एक अरब डॉलर (करीब सात हजार करोड़ भारतीय रुपये) की सहायता भी रोकी जा रही है। अमेरिका ने तख्तापलट में प्रमुख भूमिका निभाने वाले मिन आंग लैंग और सेना के जनरलों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें से कुछ पर 2019 में रोहिंग्या मुस्लिमों के नरसंहार के बाद से ही प्रतिबंध लागू हैं। इनके अतिरिक्त सैन्य अधिकारियों की भागीदारी वाली बैंकिंग, हीरे-जवाहरात, तांबा, दूरसंचार और वस्त्र की कंपनियों पर भी रोक लगाई गई है।


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