कूच करने के बाद से हालात लगातार बिगड़ रहे, यूके ने अपने नागरिकों को दी सलाह छोड़ दें अफगानिस्तान
हालांकि, पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बात से इनकार किया है।
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के कूच करने के बाद से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। तालिबान लड़ाकों और अफगान सेना के बीच कई मोर्चों पर जंग जारी है। ऐसे में यूके ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ दें। यूके की इस सलाह से अफगानिस्तान की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जानकारों का मानना है कि अफगानिस्तान में हालात अभी और खराब हो सकते हैं।
यूनाइटेड किंगडम के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने अफगानिस्तान की यात्रा के संदर्भ में सलाह जारी की और कहा, 'अफगानिस्तान में सभी ब्रिटिश नागरिकों को सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति के कारण व्यावसायिक साधनों से अब न जाने की सलाह दी जाती है।'
साथ ही यह भी कहा गया है कि ब्रिटेन के नागरिकों को वतन वापसी योजनाओं की पुष्टि के लिए दूतावास से संपर्क करना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है, 'आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में हमलों को अंजाम देने की कोशिश करने की बहुत संभावना है। हमले के नए-नए तरीके आतंकवादी विकसित कर रहे हैं। आपको काबुल में पश्चिमी हितों के लिए समग्र रूप से बढ़े हुए खतरे पर ध्यान देना चाहिए। पूरे देश में पश्चिमी देशों के लोगों पर अपहरण का खतरा मंडरा रहा है।'
बता दें कि देश के कार्यवाहक रक्षा मंत्री की हत्या के प्रयास के कुछ ही दिनों बाद शुक्रवार को तालिबान ने राजधानी काबुल में अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया सेंटर के निदेशक दावा खान मेनापाल की हत्या कर दी। इस हफ्ते की शुरुआत में एक तालिबान बमबारी हमले ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी को निशाना बनाया गया था। गौरतलब है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी फौज को वापस बुलाने का एलान इस साल किया। इसके बाद से ही अफगानिस्तान में तालिबान के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। इधर, खबरों के मुताबिक पाकिस्तान भी तालिबान लड़ाकों की मदद कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बात से इनकार किया है।