दुनिया की वो सड़क जिसे बनाने में 10 लाख लोगों ने गंवाई थी जान, मिलते हैं सिर्फ कंकाल और हड्डियां
आमतौर पर सड़क बनाने में ईंट, पत्थर, सीमेंट, बालू इन सबका इस्तेमाल किया जाता है
आमतौर पर सड़क बनाने में ईंट, पत्थर, सीमेंट, बालू इन सबका इस्तेमाल किया जाता है. अगर आपको पता चले कि किसी सड़क को बनाने में हड्डियों का इस्तेमाल किया गया है, तो क्या आप यकीन करेंगे? यह जानकर यकीनन आपको हैरानी तो हो रही होगी, लेकिन ये बिल्कुल सच है. हड्डियों के इस्तेमाल की वजह से इस सड़क को 'रोड ऑफ बोन्स' के नाम से जाना जाता है.
रूस (Russia) के आउटर ईस्टर्न एरिया में बनी ये सड़क एक हाइवे है. इसका नाम कोलयमा हाइवे है, जोकि 2,025 किलोमीटर लंबा है. इस हाइवे पर अक्सर इंसानी हड्डियां और कंकाल मिलते हैं. 'रोड ऑफ बोन्स' के नाम से मशहूर इस हाइवे की कहानी दिल दहला देने वाली है. ठंड के मौसम में इस इलाके की सड़कें बर्फ से ढक जाती हैं. बर्फ की वजह से गाड़ियां सड़क पर न फिसलें, इसलिए सड़क बनाते समय बालू के साथ इंसानी हड्डियों को भी मिलाया गया था.
इसे बनाने में 10 लाख लोगों को जान गंवानी पड़ी थी
इस हाइवे का निर्माण सोवियत संघ के तानाशाह जोसेफ स्टालिन के समय में किया गया था. कहा जाता है कि इसे बनाने में दो से 10 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. दरअसल, 1930 में जब इस हाइवे का निर्माण शुरू हुआ तो इस काम में बंधुआ मजदूरों और कैदियों को लगाया गया. जिन्हें कोलयमा कैंप में बंधक बनाकर रखा गया था.
कोलयमा कैंप में अगर कोई कैदी एक बार चला जाता था, तो उसका वहां से लौटना नामुमकिन हो जाता था. जो लोग वहां से भागने की कोशिश करते थे, वो या तो भालुओं का शिकार हो जाते थे या फिर भयंकर ठंड और भूख से मर जाते थे. जो कैदी मर जाते थे, उन्हें वहीं सड़क के अंदर ही दफन कर दिया जाता था. जिस वजह से यहां अक्सर इंसानों की हड्डियां मिलती हैं और इस सड़क को 'रोड ऑफ बोन्स' के नाम से जाना जाता है.